छत्तीसगढ़ में मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने अधिकारियों को दिए निर्देश, कोविड से मृत्यु प्रकरणों में मुआवजा जल्द करें
रायपुर। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने आज राज्य के सभी संभागायुक्तों और कलेक्टरों की वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से बैठक लेकर कोविड-19 संक्रमण से मृत हुए लोगों के परिजनों को राहत राशि वितरण अद्यतन स्थिति की गहन समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को राहत राशि वितरण का कार्य इस सप्ताह के अंत तक पूरा किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को राज्य में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए अपने-अपने जिलों में संक्रमण की रोकथाम के लिए हरसंभव प्रभावी उपाय किए जाने की भी हिदायत दी। संभागायुक्तों एवं कलेक्टरों को कोविड संक्रमितों के इलाज के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए।
मुख्य सचिव ने कोरोना से बचाव के लिए राज्य में किए जा रहे टीकाकरण की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा है कि वैक्सीन की प्रथम खुराक ले चुके लोगों को निर्धारित समयावधि में दूसरा खुराक अनिवार्य रूप से लिया जाना है। प्रथम टीकाकरण के दौरान संबंधित लोगों के मोबाईल नम्बर रजिस्टर किए गए है। दूसरे टीकाकरण के लिए निर्धारित समय के भीतर उन्हें मोबाइल के माध्यम से संदेश भेजा जाए। 15 से 18 वर्ष के बच्चों को लगने वाले कोवेक्सीन टीकाकरण के लिए सभी हाई-हायर सेकेण्डरी स्कूलों में टीकाकरण शिविर अनिवार्य रूप से चलाया जाना है। जनवरी माह के अंत तक अधिक से अधिक बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है। जैन ने आगामी दिनों में व्यापम (व्यावसायिक परीक्षा मण्डल) द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं के संबंध में कहा है कि सभी परीक्षाएं निर्धारित समय एवं तिथियों में ही कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही आयोजित होंगी। आवश्यकता होने पर परीक्षा केन्द्रों की संख्या में बढ़ोत्तरी करने के निर्देश जिलों को दिए गए।
मुख्य सचिव ने कहा है कि संक्रमण के बचाव के लिए स्कूल और आंगनबाड़ी केन्द्रों को यदि बंद किया जाता है तो दर्ज बच्चों और गर्भवती-शिशुवती महिलाओं को मध्यान्ह भोजन, गर्म भोजन और टेक होम राशन का सूखा खाद्यान्न प्रतिदिन के हिसाब से एक साथ वितरित किए जाएंगे। उन्होंने सभी जिलों में प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में अस्पताल, व्यावसायिक संस्थाएं, स्वयंसेवी संस्थाएं एवं अन्य जरूरी सेवाओं से जुड़े संस्थाओं की बैठक का आयोजन करने के निर्देश दिए है। बैठक में जिले की परिस्थिति के अनुसार आपदा प्रबंधन के लिए जरूरी निर्णय लिए जाए। उन्होंने आर्थिक गतिविधियों को चालू रखने और सामुदायिक गतिविधियों को सीमित लोगों की उपस्थिति के साथ आयोजित करने की अनुमति दिए जाने के निर्देश दिए है।