नया रायपुर के किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाल कर सरकार से मांगा अपना अधिकार
नया रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में लागातार 24वें दिन भी किसानों का आंदोलन जारी है. लेकिन सरकार की तरफ से किसानों की मांग पर अब तक निर्णय नहीं लिया गया है. जिससे किसानों का आंदोलन और उग्र होता जा रहा है. जिसके चलते गणतंत्र दिवस के अवसर पर एनआरडीए बिल्डिंग के सामने हजारों किसानों ने झंडा फहराकर ट्रैक्टर रैली निकाली. इस दौरान 27 गांव के ग्रामीण आंदोलन में शामिल हुए और किसान सभा को समर्थन दिया. मंच से स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति भी दी. दरअसल नवा रायपुर के विकास की खातिर जमीन का अधिग्रहण किया गया है.
लेकिन किसानों का आरोप है कि कई साल गुजर जाने के बाद भी पुनर्वास पैकेज का लाभ और मुआवजा नहीं मिला. इसके चलते नाराज किसान 3 जनवरी से कयाबांधा के आमबगीचा में आंदोलन शुरू किया गया है. 27 गांव के किसान एनआरडीए भवन के ठीक सामने टेंट लगाकर धरना पर बैठे हैं. किसान कल्याण समिति नवा रायपुर के अध्यक्ष रूपन चन्द्राकर ने बताया कि आज किसान आंदोलन का 24वां दिन है. किसानों की मांग पर अबतक कोई निर्णय राज्य सरकार ने नहीं लिया है. 27 गांव के किसानों के साथ परिजन भी धरनास्थल पर बैठे हैं. 133 ट्रैक्टरों के साथ नवा रायपुर में रैली निकाली गई है. जब तक किसानों की 5 सूत्रीय मांग पूरी नहीं हो जाती किसान आंदोलन जारी रहेगा.
पुनर्वास पैकेज का मिले लाभ
नया रायपुर पुनर्वास योजना के अनुसार अर्जित भूमि के अनुपात में उद्यानिकी/ आवासीय/व्यवसायिक भूखंड पात्रतानुसार मुफ्त देने के प्रावधान का पालन किया जाना चाहिए. भू अर्जन कानून 1894 के अंतर्गत हुए अवार्ड में भूस्वामियों को मुआवजा प्राप्त नहीं हुए हैं, इसलिए उन्हें बाजार मूल्य से 4 गुणा अधिक मुआवजा मिलना चाहिये. नवा रायपुर क्षेत्र में ग्रामीण बसाहट का पट्टा मिलना चाहिए और वार्षिकी राशि का पूर्ण रूप से आबंटन किया जाना चाहिए. पुनर्वास पैकेज 2013 के तहत सभी वयस्कों को 1200 वर्गफीट का भूखंड दिया जाए. साल 2005 से भूमि क्रय विक्रय पर लगे प्रतिबंध को तत्काल हटाया जाए. गुमटी, चबूतरा, दुकान, व्यावसायिक परिसर में आबादी से सटी दुकान का 75 प्रतिशत प्रभावितों को लागत मूल्य पर देने का प्रावधान करना चाहिए.।