छत्तीसगढ़ में आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड बनाने गोबरा पहुंचे दल नही मिला मोबाइल नेटवर्क, तो पेड़ पर चढ़ कर बनाई हेल्थ कार्ड
गरियाबंद। इन दिनो शासन प्रशासन द्वारा आदिवासी ग्रामीण इलाके के लोगो को ज्यादा से ज्यादा योजनाओ का लाभ दिलाने लगातार प्रयास किया जा रहा है पूरे मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र मे आयुष्मान भारत हेल्थ कार्ड बनाने का कार्य तेजगति से किया जा रहा है इसके लिए च्वाईस सेंटरो को भी जिम्मेदारी दिया गया है और गांव -गांव पहुंचकर लोगो के घरो मे कार्ड बनाने की जिम्मेदारी दी गई है लेकिन गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र के दुरस्थ वनांचलो मे बसे ग्रामो मे आज भी मोबाइल नेटवर्क नही होने के कारण आदिवासी क्षेत्रो के ग्रामीणो को शासन की अधिकांश योजनाओ का लाभ नही मिल पा रहा है।
तहसील मुख्यालय मैनपुर से 18 किमी दूर दुरस्थ वनांचल के भीतर बसे ग्राम पंचायत गोबरा मे च्वाईस सेंटर के व्हीएलई डोमेश पटेल जब आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड बनाने पहुंचे तो पूरे गांव मे कही भी मोबाइल का नेटवर्क नही मिला फिर आसपास क्षेत्रो मे मोबाइल नेटवर्क ढुंढने से गांव से लगभग 04 किमी दूर जंगल के भीतर पहाड़ी टीला मे मोबाइल नेटवर्क मिला तो च्वाईस सेंटर के व्हीएलई डोमेश पटेल के साहस की जितना भी शाबाशी दिया जाये कम है पेड़ के ऊपर चढ़कर बुधवार और आज गुरूवार दो दिनो के भीतर विशेष पिछड़ी जन जाति कमार आदिवासियो के 100 ग्रामीणो का उन्होने आयुष्मान कार्ड बनाकर एक मिशाल कायम किया है। च्वाईस सेंटर के संचालक डोमेश पटेल पहले सड़क के किनारे मोबाइल का नेटवर्क ढूंढा 4 -5 लोगो का फार्म आॅनलाईन भरा गया उसके बाद मोबाइल का नेटवर्क गायब हो गया लेकिन उन्होने हार नही मानी एक पेड़ के ऊपर अपने साथी के साथ चढ़ गये और नीचे कुर्सी लगाकर ग्रामीणो से उनका फिंगरप्रिंट लेकर आयुष्मान कार्ड बनाया जब ग्रामीणो को पता चला कि उनके लिए आयुष्मान कार्ड बनाने वाले इतना ज्यादा मेहनत कर रहे है स्वयं पेड़ पर चढ़कर जंगल के भीतर आयुष्मान कार्ड बना रहे है तो ग्राम के सरपंच रामस्वरूप मरकाम और नोडल अधिकारी दामोदर नेगी, पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष रामदास वैष्णव स्वयं ग्रामीणो को घर -घर से बुलाकर आयुष्मान कार्ड बनवाने मे उनका मदद करते दिखे तो वही ग्रामीणो मे भी उत्साह देखने को मिला।
इस संबंध मे च्वाईस सेंटर के संचालक डोमेश पटेल ने बताया ग्राम गोबरा मे मोबाइल नेटवर्क नही है बहुत मुश्किल से मोबाइल नेटवर्क जंगल के भीतर सड़क किनारे मिला लेकिन ठीक से काम नही कर रहा था और बगैर नेटवर्क के आयुष्मान कार्ड नही बनाया जा सकता। आसपास ऊंचा स्थान ढुंढा गया एक पेड़ मे चढ़कर दो दिनो के भीतर 100 ग्रामीणो का आयुष्मान कार्ड बनाया गया है।
आधुनिक युग मे भी मैनपुर क्षेत्र के दर्जनो ग्रामो मे नही है मोबाइल नेटवर्क
ग्राम पंचायत गोबरा के सरपंच रामस्वरूप मरकाम ने बताया जियो कपंनी द्वारा ग्राम गोबरा मे मोबाइल का विशाल टावर लगाया गया है लेकिन इसे अब तक प्रारंभ नही किया गया कई बार इसे प्रारंभ करवाने की मांग कर थक चुके है। आज आधुनिक युग मे मैनपुर क्षेत्र के दर्जनो ग्रामो मे मोबाइल नेटवर्क नही होने के कारण दुरसंचार जैसे महत्वपूर्ण सेवा से हजारो ग्रामीणो वंचित हो रहे है बहुत आपातकालीन स्थिति मे ग्रामीणो को पहाड़ी के ऊपर पेड़ो मे चढ़कर मोबाइल नेटवर्क ढुंढना पड़ता है आये दिनो गंभीर दुर्घटना व आपात स्थिति मे मोबाइल नेटवर्क नही होने कारण ग्रामीणो को 108, 102 जैसे संजीवनी एक्सप्रेस सेवा का भी लाभ नही मिल पाता। एक तरफ देश डिजिटल इंडिया की तरफ बढ़ रहा है लेकिन इस आदिवासी क्षेत्र के लोगो को आधुनिक सुविधाएं नही मिल रही है जिससे ग्रामीणो के तकनीकी व उन्नतशील विकास की गति पर पानी फेरता दिख रहा है।