छत्तीसगढ़ मे पंखों से नहीं हौसलों से उड़ान होती है, छोटे से गांव की एक गरीब मोटरसायकल मेकेनिक की बेटी बनेगी डॉक्टर, गर्व से फुले समा रहे ग्रामवासी
बलौदाबाजार |कहते है इंसान में अगर मेहनत व लगन हो तो वो क्या नही कर सकता, ऐसी ही सफलता की कहानी लिखी है बलौदाबाजार जिला अन्तर्गत पलारी ब्लाक के ग्राम अमेरा की होनहार बेटी अनामिका पटेल ने, जिसने बिना कोई कोचिंग किये हीNEET की परीक्षा पहले प्रयास में अच्छे अंको से पास कर ली, एवम इसका चयन MBBS के लिए अटल बिहारी बाजपेयी मेमोरियल गोवरमेंट मेडिकल कालेज राजनांदगांव में चयन हो गया। इनका ओवर आल रेंक 170611 छ ग रेंक में 2785 आया है।
अनामिका के डॉ बनाने का जो सपना था वो अब पूरा हो गया। उसकी इस सफलता के लिए उसके स्कूल MJRS हायर सेकंडरी स्कूल ग्राम अमेरा में स्कूल द्वारा एक छोटे से समारोह में विधायक एवम संसदीय सचिव शकुंतला साहू के द्वारा सम्मानित किया गया। वही अनामिका को शकुंतला साहू के द्वारा 50 हजार रु की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की गई, उन्होंने आगे भी हमेशा मदद करने का आश्वाशन दिया।
कु अनामिका पटेल ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मैं 12 करने के बाद मोबाइल में यू ट्यूब के माध्यम से NEET परीक्षा की तैयारी करती थी। पिछले 2 साल से मैं इसकी तैयारी कर रही हु। रोज 8 से 10 घण्टे पढ़ाई करने में बीतता था । घर की आर्थिक स्थिति ठीक नही होने की वजह से कभी कोचिंग वगेरह नही कर पाई और ना ही गांव में ऐसा कोई माहौल था जिससे किसी भी तरह का पढ़ाई सम्बंधित हेल्प मिल सके। अनामिका ने डॉ बनाने के बाद गरीबो की सेवा करने की बात कही।
उन्होंने बताया कि बचपन से मेरा सपना डॉ बनाने का था, इसकी प्रेरणा मुझे स्कूल के प्रिंसिपल श्री सत्यप्रकाश पांडे सर से मिली,उन्होंने हमेशा मेरा उत्साह बढ़ाया एवम मेरा मार्गदर्शन करते रहे। इनकी क्लास टीचर ज्योति धृतलहरे एवम जीवविज्ञान की टीचर अन्नपूर्णा साहू ने बताया कि अनामिका पढ़ाई में शुरू से ही होनहार थी हमे पढ़ाई से सम्बंधित किसी भी प्रकार की समस्या के बारे में पूछती थी।इससे हमें भी लगता था कि ये किसी न किसी क्षेत्र में आगे जाएगी।हमे इस पर बहुत गर्व है कि हमारी इस स्टूडेंट ने हमारा व स्कूल का नाम रोशन किया है।वही स्कूल के प्राचार्य सत्यप्रकाश पांडे ने कहा कि इसकी डॉ बनने की जो लगन मेहनत एवम दृढ़ इक्षा सक्ति है उसके लिए इसकी सफलता के लिए शुभकानाएं देने की बात कही।
परिवारिक स्थिति एवम जानकारी
बता दे कि मूलतः ग्राम कोनारी की रहने वाली अनामिका पटेल ग्राम अमेरा में बचपन से अपने मामा जीवन पटेल के घर पली बढ़ी है।उनके मामा जीवन पटेल बताया कि जब अनामिका 9 महीने की थी तब से उनकी सारी जिम्मेदारी मेरे ऊपर थी, पहली कच्चा से लेकर बारहवी तक मेरे पास ही रहकर पढ़ाई की उसके बाद कारोंना काल लगने के बाद कालेज की तैयारी करने अपने माता पिता के पास चली गई।
एक वाक्या का जिक्र करते हुए उसके मामा जीवन पटेल ने बताया कि जब अनामिका कक्षा पांचवी में पढ़ रही थी तब मैंने उसे पानी लाने के लिए कहा तब उसने मैं पढ़ाई कर रही हूं करके पानी नहीं लाया मुझे लगा कि वह मुझसे झूठ बोल रही है और मैंने चुप कर देखा तो सचमुच अनामिका पढ़ाई कर रही थी तब से मैंने उसे घर का कोई भी काम नहीं सौंपा और पढ़ाई में ही अपना ध्यान केंद्रित करने को कहा।
अनामिका की मां दूसरे के घर में खाना बनाने जाती है और पिता की एक छोटी सी मोटर सायकिल रिपेयरिंग की दुकान है।जिससे मुश्किल से परिवार का खर्च चलता है।इनके परिवार की स्थिति भी ऐसी नही है बाहर के कोचिंग व पढ़ाई का खर्चा उठा सके उसने घर मे ही तैयारी कर के पूरी लगन व मेहनत से NEET की तैयारी की।पिता जयनरायन पटेल ने बताया कि अनामिका रात रात भर पढ़ती थी और पढ़ते पढ़ते सुबह भी हो जाती थी तब उसकी माँ लता पटेल भी उसके साथ जागती थी।
अनामिका की सफलता के समारोह में उसके स्कूल के समस्त टीचर, उनके गांव के लोग, सहेलियां एवम ग्राम सरपंच सहित बहुत से लोग उपस्थित थे ।सभी ने इनकी सफलता के लिए व गांव का नाम रोशन करने के लिए इन्हें बधाई दी। बधाई देने वालों में ग्राम सरपंच श्रीमती स्कूल के प्राचार्य सत्य प्रकाश पांडे शिक्षक सेवक वर्मा मुकेश टंडन विद्या चरण वर्मा श्रीमती शतरूपा ध्रुवंशी अनुराधा वर्मा राजकुमारी का व्रत स्वाति दुबे सहित उसके साथ पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं एवं ग्रामीण भारी संख्या में उपस्थित होकर उन्हें बधाई दी |