बंगोली प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के कर्मचारियों पर लगा पैसे मांगने एवं अभद्रता करने का गंभीर आरोप
तिल्दा । तिल्दा ब्लॉक के ग्राम बंगोली स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के कर्मचारियों पर पैसे मांगने एवं अभद्रता करने का गंभीर आरोप लगा है। वहीं पैसा नहीं मिलने पर जच्चा-बच्चा को बंधक बनाने का धमकी दिया गया।
ज्ञात हो कि 13 मार्च को ग्राम मुरा के सरपंच की भाभी सुषमा कोशले प्रसव के लिए बंगोली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची थी, प्रसव के दौरान वहां उपस्थित सीएचसी नर्स (ग्रामीण स्वास्थ्य महिला संयोजक) के पद पर मनीषा मसीह ने प्रसव के एवज में सरपंच के घर वालों से पैसे की मांग किया, जब सरपंच ने पैसे देने से मना किया तो सरपंच की मां और सरपंच से नर्स मनीषा मसीह अभद्रता पूर्ण बात करने लगी और अपशब्द का भी प्रयोग किया और पैसा नहीं मिलने पर जच्चा- बच्चा को बंधक बनाए रखने की धमकी दी। सरपंच के घर वालों ने बच्चे और उसकी मां की सलामती के लिए उस समय पैसे तो दे दिए, बाद में धरसींवा विधायक श्रीमती अनिता शर्मा से शिकायत करने पर विधायक ने उस नर्स को जमकर फटकार लगायी,लेकिन उसमें तनिक भी सुधार नहीं हुआ, नर्स के उपर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई क्योंकि कुछ पॉलिटिशियन नर्स के बचाव में पहले से ही लगे हुए थे। ज़बआवाम दूत की टीम को इस घटना की जानकारी मिली तो निष्पक्ष जांच एवं उनके पक्ष जानने हेतु स्वास्थ्य केंद्र बंगोली पहुंचे, जहाँ हमें किसी प्रकार की कोई भी जानकारी देने से मना कर दिया गया एवं अभद्र व्यवहार किया गया।
Biसारी जानकारी छुपाई गयी क्योंकि अगर प्रसूताओं की सूची मिल जाती तो उनका जितने भी कर्म कांड किये हैं वह उजागर हो जाता, इसलिए कहा गया कि जिस अधिकारी से बात करना है कर लो, हमारे ऊपर कोई कार्यवाही नहीं होगा। ऐसा चोरी ऊपर से सीना जोरी, तभी संभव है जब किसी का संरक्षण मिल रहा हो, इसकी जांच किया जाना चाहिए और ऐसे अवैध वसूली एवं अभद्रता करने वालों के ऊपर तत्काल किया जाना चाहिए। तत्पश्चात् हम खंड चिकित्सा अधिकारी तिल्दा आशीष कुमार सिन्हा के पास लिखित आवेदन कर सूची की मांग किये जिसमे वहाँ के ऑपरेटर द्वारा दो दिन घुमाया गया तब जाकर खंड चिकित्सा अधिकारी के द्वारा पदों की जानकारी मिली। सूची के आधार पर हम पुनः बंगोली स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तथा दो मांह के प्रसव कराने वाली महिलाओ की सूची की मांग किया गया, जिस पर मनीषा मसीह एवं उनके साथी द्वारा प्रसव कराने वाली महिलाओ की जानकारी देने से मना किया गया तथा अपने पक्ष रखने से भी मना किया गया।
जिससे यह तो साबित होता है की ये अपना अपराध छुपा रही है, ये अपने पद और अधिकार का दुरूपयोग कर धौस जमाकर एक स्वास्थ्य केंद्र को वसूली का अड्डा बना लिया है, अब देखना ये होगा कि इस गिरोह मे कितने लोग शामिल है और किस किस इलाज का कितना कितना शुल्क निर्धारित किये है और यह कड़ी कहा तक जुडी है।
अब आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं जब एक जनप्रतिनिधि के साथ ऐसा अभद्र व्यवहार और धमकी देकर पैसे ले सकती है तो प्रतिदिन प्रसव के लिए गरीब घर से आए हुए लोगों से बेझिझक डरा धमका कर पैसे लेती कैसे नहीं लेती होगी।
इसी कड़ी मे आस पास के लोगो से जनप्रतिनिधियों से बात करने पर पता चला की ये नियमित रुप से आती नहीं हैं,और कभी भी गायब हो जाती है , जिससे कौन-कौन किस पद मे है ये पता भी नहीं चलता पाता हैं।
समीपस्थ ग्राम धनसूली के सरपंच राजू ढीढी से जानकारी लेने पता चला की कोविड के दौरान भी इनकी मनमानी थीं और मेरे से भी बहस हो चूका है वहाँ किसी को इलाज के लिए भेजना मूर्खता है इससे अच्छा प्राइवेट अस्पताल में लेकर जाओ, जहाँ इज्जत से बात तो करेंगे एवं सही सलाह देंगे।
लकेश्वर कोसले युवा नेता कांग्रेस का कहना है कि जो भी कर्मचारी अस्पताल में काम करने आये है वो गरीब लोगो के सहयोग के लिए आये है, न कि उनकी मजबूरी का फायदा उठाने, ऐसे भ्रष्ट लोगो को शीघ्र कार्यवाही होना चाहिए।
इसी तरह इनके पुरे स्टॉफ पर महिलाओ का आरोप है हैं कि इलाज तो बहुत दूर की बात ये सही जानकारी देने मे भी कतराते है एवं अभद्र व्यवहार करते है,।
जब एक गर्भवती महिला अस्पताल में प्रसव के लिए जाती है तो उस समय उसे बहुत देख रेख की जरूरत होती है, वह अपने दर्द में अलग परेशान रहती है ऐसे में इस तरह की नर्स लोग उनके दर्द को न देख कर अपनी सौदे बाजी करने में लग जाते हैं। इनके लिए मां और बच्चे की जान की कोई कीमत नहीं है, इनके लिए पहले पैसे होने चाहिए। सरकार का कहना है कि घर में प्रसव कराना मां और शिशु दोनों के लिए खतरनाक है, इस लिए अस्पताल में प्रसव कराए, प्रसव व अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जगह – जगह सरकार द्वारा स्वास्थ्य केंद्र, उप स्वास्थ्य केंद्र खोला गया है ताकि प्रसव के दौरान गर्भवती महिलाओं को ज्यादा दूरी तय न करना पड़े। लेकिन ऐसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का क्या महत्व जहां जच्चा – सुरक्षित न हो, और सीएचसी नर्स जो एक महिला स्वास्थ्य संयोजक के पद पर आसीन है,के द्वारा डरा धमका कर पैसे की मांग की जा रही हो। सीएचसी नर्स मनीषा मसीह के साथ इनके ओर स्टॉफ के खिलाफ आस पास के लोगों की शिकायत भी है कि यह सभी मरीजों से अभद्रता पूर्ण बात करती है।
लोगों का कहना है कि ऐसे नर्स को सरकारी सेवा से निकाल देना चाहिए जो लोगो के जीवन को पैसे से तौलती है और इसके उपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।अब देखना ये होगा की इस खबर के बाद शासन प्रशासन या अधिकारी इस समस्या पर कितना ध्यान केंद्रित कर क्या कदम उठाती है जिससे भविष्य मे ऐसी दुःखद घटना न हो और लोग निःसंकोच शासन के इन योजनाओ का निशुल्क लाभ ले सके तथा स्वास्थ्य कर्मी के रुप मे पदस्थ इन दलालो को अपने अपराधों की उचित सजा मिल सके।