छत्तीसगढ़

प्रदेश सरकार ने दी इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2022 को मंजूरी, लोगों को होगा बड़ा फायदा

रायपुर। अब छत्तीसगढ़ में भी इलेक्ट्रिक गाड़ियां दौड़ती नजर आएंगी. प्रदेश सरकार ने गुरुवार को इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2022 को मंजूरी दे दी. इस नीति के तहत राज्य में दोपहिया, तिपहिया, चार पहिया, मालवाहक, यात्री वाहन और अन्य श्रेणी के इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर विभिन्न छूट और सुविधाएं मिलेंगी. जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित की गई थी. इस बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2022 को मंजूर किया गया. उन्होंने दावा किया कि इस नीति से छत्तीसगढ़ की जनता को बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दाम से राहत मिलेगी. साथ ही पर्यावरण को स्वच्छ रखने में भागीदारी सुनिश्चित होगी.

अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2022 में वाणिज्यिक और गैर वाणिज्यिक दोनों प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहन के परिचालन को बढ़ावा देना शामिल है. इसके तहत राज्य में दोपहिया, तिपहिया, चार पहिया, माल वाहक, यात्री वाहन और अन्य श्रेणी के इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर विभिन्न छूट और सुविधाएं मिलेंगी. अधिकारियों ने बताया कि इस नीति के अनुसार इलेक्ट्रिक वाहनों की आसान चार्जिंग सुविधा उपलब्ध कराने के लिए चार्जिंग स्टेशनों का नेटवर्क स्थापित किया जाएगा.

नेशनल हाईवे-स्टेट हाईवे पर होंगे चार्जिंग प्वाइंट
इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों को राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग पर निश्चित दूरी पर चार्जिंग प्वाइंट उपलब्ध होंगे. अधिकारियों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ राज्य इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2022 में सार्वजनिक चार्जिंग नेटवर्क बनाने के लिए सार्वजनिक और निजी ऑपरेटरों को राज्य के सभी शहरों में राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य राजमार्ग में चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग स्टेशन (बैटरी की अदला-बदली करने वाले केंद्र) स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा.

स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए भी बड़ा फैसला
दूसरी ओर, छत्तीसगढ़ सरकार ने स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए भी बड़ा फैसला किया है. राज्य का हर स्कूल शनिवार को बैगलेस होगा. यानी बच्चे बिना बस्ता लिए स्कूल जाएंगे. इस दिन स्कूलों में योग, व्यायाम, खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियां आदि कराई जाएंगी. राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने बताया कि स्कूली बच्चे हर शनिवार को अब खेल-खेल में पढ़ाई करेंगे. स्कूली शिक्षा को रोचक, व्यावहारिक और अपने आस-पास के माहौल से जोड़ने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा यह कदम उठाया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार के इस नए कदम से बच्चों में स्कूल आने के प्रति रूचि जागृत होगी वहीं उन्हें स्कूल से जोड़े रखने में भी मदद मिलेगी. बच्चों को स्कूली शिक्षा ज्ञानवर्धक के साथ मनोरंजक भी लगेगी.

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button