छत्तीसगढ़

इस जिले में प्रशासन की लापरवाही के चलते शिवनाथ नदी में डूबा मासूम – जितेंद्र वर्मा

दुर्ग। जिला भाजपा अध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा ने शिवनाथ नदी में डूबने से मासूम की मौत के लिए प्रशासन और दुर्ग शहर के विद्यायक अरुण वोरा तथा महापौर धीरज बाकलीवाल को जिम्मेदार ठहराया है। श्री वर्मा ने कहा कि प्रशासनिक लचर व्यवस्था और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते यह घटना घटित हुई है। गौरतलब है कि रविवार की सुबह साढ़े 9 बजे पंचशील नगर चंद्रशेखर आजाद स्कूल में अध्यनरत कक्षा आठवीं के छात्र तुषार साहू पिता गेंदलाल साहू की शिवनाथ नदी में डूबने से मौत हो गई। इस हृदय विदारक घटना से शहर में मातम छा गया है। घटना के लिए पूरी तरह से प्रशासनिक कुव्यवस्था और शहर विधायक महापौर की उदासीनता जिम्मेदार है ।

 

श्री वर्मा ने कहा कि शनिवार को हुई मूसलाधार वर्षा से जहां शहर तर-ब-तर हुआ वहीं शिवनाथ नदी का जलस्तर भी बढ़ा, जिसके परिणाम स्वरूप महमरा एवं कोटनी एनीकट के ऊपर से पानी बहने लगा, इसके बाद प्रशासन को तत्परता और संवेदनशीलता से कार्य करते हुए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध करने चाहिए थे परंतु शासन-प्रशासन कुम्भकर्णी निद्रा में सोया हुआ है। शहर के विधायक अरुण वोरा और महापौर सिर्फ जनता को दिग्भ्रमित करने के लिए शिलान्यास और लोकार्पण जैसे कार्यों में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर अपने उत्तरदायित्वों से इतिश्री कर रहे है।

 

श्री वर्मा ने आगे कहा कि बरसात में शिवनाथ नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण यह क्षेत्र अतिसंवेदनशील क्षेत्र की श्रेणी में आ जाता है, पूर्व में भी अनेकों दुखद घटनाएं इसी जगह पर हो चुकी थी, ऐसे में पुनः गंभीर दुर्घटना होने की आशंका पहले से ही थी, जिसके लिए प्रशासनिक व्यवस्था दुरुस्त होनी चाहिए लेकिन विडम्बना यह है कि एक तरफ प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा गई है, वहीं दूसरी तरफ जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधियों ने भी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए कि गम्भीर हादसों से बचने के लिए प्रशासन के ऊपर समय रहते नकेल कसने में असमर्थ रहे, इन दोनों की लापरवाही के कारण एक मासूम बच्चा मौत की भेंट चढ़ गया।

 

दुर्ग जिले में प्रशासनिक लापरवाही इस कदर हावी है कि शिवनाथ नदी जैसे अतिसंवेदनशील क्षेत्र में आपदा प्रबंधन से निपटने की कोई दुरुस्त व्यवस्था नही है। गम्भीर हादसों से निपटने के लिए गोताखोरों और पुलिस बल की वैकल्पिक व्यवस्था होनी चाहिए लेकिन प्रशासन हमेशा की तरह किसी गम्भीर दुर्घटना का इंतजार करता रहता है, जिसकी परिणिति है कि आज एक मासूम बच्चा असमय ही मौत के मुंह मे चला गया।

जितेन्द्र वर्मा ने जिलाधीश से अपेक्षा करते हुए कहा कि गम्भीर हादसों से निपटने के लिए प्रशासनिक व्यवस्था में कसावट लाए, विगत दिनों पटेल चौक में सड़क दुर्घटना में एक ही परिवार के दो भाइयों की मृत्यु और अब शिवनाथ नदी में डूबने से एक बालक की मृत्यु के बाद अब आगे प्रशासनिक लापरवाही के चलते किसी प्रकार की जनहानि या दुर्घटना की पुनरावृत्ति ना हो।

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