छत्तीसगढ़ के स्कूली विद्यार्थियों का अब सालभर में 9 बार होगा असेसमेंट
रायपुर। छत्तीसगढ़ में कक्षा पहली से 12वीं तक में अध्ययनरत विद्यार्थियों का पूरे शैक्षणिक सत्र में 6 मासिक आकलन के अतिरिक्त, त्रैमासिक, अर्द्धवार्षिक और वार्षिक आकलन किया जाएगा। इन असेसमेंट के आधार पर बच्चों की ग्रेडिंग भी की जाएगी। मासिक आकलन प्रत्येक माह के अंतिम सप्ताह में किया जाएगा और अगले माह के प्रथम सप्ताह में विद्यार्थियों और उनके पालकों को आकलन परिणाम एवं प्रगति पत्र दिया जाएगा। प्रत्येक माह पालकों से हस्ताक्षर भी कराए जाएंगे। मासिक आकलन लगातार 5 दिन संबंधित विषय के कालखंड में संपादित किया जाएगा। यथासंभव एक दिन में एक विषय का ही आकलन किया जाएगा।
स्कूल शिक्षा विभाग ने निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप मासिक आकलन प्रत्येक विषय के लिए 25 अंक का होगा। जिसमें कक्षा तीसरी से आठवीं तक 20 अंक लिखित एवं 5 अंक प्रायोगिक, प्रदत्त कार्य या प्रोजेक्ट कार्य पर होंगे। कक्षा पहली एवं दूसरी के लिए 15 अंक लिखित और 10 अंक प्रायोगिक, प्रदत्त कार्य या प्रोजेक्ट कार्य के होंगे। स्कूली बच्चों की ग्रेडिंग के लिए कक्षा पहली से पांचवीं तक के विद्यार्थियों के प्रगति पत्रक में केवल ग्रेड लिखा जाएगा। कक्षा 6वीं से 8वीं तक विद्यार्थियों के प्रगति पत्रक में विषयवार अंक, ग्रेड एवं प्रतिशत होंगे। इसके अतिरिक्त रैंक (कक्षा में स्थान) भी दिया जाएगा। कक्षा में स्थान अंक के आधार पर न देकर ग्रेड के आधार पर दिया जाएगा। कक्षा 9वीं से 12 वीं तक माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा निर्धारित अंक योजना का उपयोग किया जाएगा। सितम्बर में त्रैमासिक, दिसम्बर में अर्द्धवार्षिक और मार्च में वार्षिक आकलन कक्षा पहली से पांचवीं तक 50-50 अंकों का होगा, जबकि कक्षा 6वीं से 12वीं तक 100-100 अंक का होगा।
जुलाई एवं अगस्त के मासिक आकलन के लिए कक्षा पहली से आठवीं तक के प्रश्नपत्र राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा और कक्षा 9वीं से 12वीं तक प्रश्न पत्र माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा मॉडल आंसर सहित सैम्पल के तौर उपलब्ध कराएं जाएंगे। जुलाई एवं अगस्त का मासिक आकलन इन्हीं प्रश्न पत्रों से किया जाएगा। अन्य माह के प्रश्न पत्र सैम्पल प्रश्न पत्र के अनुरूप निर्धारित पाठ्यक्रम एवं ब्लू प्रिंट के आधार पर शिक्षक स्वयं बनाएंगे। इसके लिए एससीईआरटी द्वारा कक्षावार, विषयवार, प्रश्न बैंक भी उपलब्ध कराएं जाएंगे। प्रायोगिक, प्रदत्त कार्य, सर्वे कार्य, प्रोजेक्ट कार्य के लिए आवश्यकतानुसार बच्चों को 2 से 3 दिन का समय दिया जाएगा। समस्त आकलन के प्रति ब्लू प्रिंट के अनुरूप एलओएस आधारित वस्तुनिष्ठ, अति लघु उत्तरीय, लघु उत्तरीय एवं दीर्घ उत्तरीय बनाए जाएंगे।