दंतेवाड़ा। जिले के किरंदुल थाना क्षेत्र के एक गांव में लकड़ियों की अवैध तस्करी करने वालों पर कार्रवाई करने पहुंचे वन कर्मियों की पिटाई करने वाले तीन ग्रामीणों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने वन कर्मियों को अन्य ग्रामीणों के साथ मिलकर दौड़ा-दौड़ाकर मारा था।
इधर, तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ग्रामीणों में भी आक्रोश है। पुलिस की इस कार्रवाई को गलत बताते हुए मामले का विरोध अब शुरू हो गया है। यह था पूरा मामला यह मामला 1 अगस्त का है। वन विभाग के कर्मचारियों को मुखबिर से सूचना मिली थी कि दंतेवाड़ा जिले के टिकनपाल ग्राम पंचायत में बेशकीमती लकड़ियों का अवैध कारोबार चल रहा है। इसी सूचना पर 4 से 5 लोगों की टीम तस्करों को पकड़ने के लिए गई हुई थी।
जब टीम गांव पहुंची तो तस्करों ने गांव वालों को इकट्ठा कर वन विभाग की टीम पर हमला कर दिया था। दो से तीन वन कर्मी अपनी जान बचाकर भाग निकले थे, जबकि 2 कर्मी सिराज पटेल और उमेश नेगी को पकड़कर बेदम पीटा था। दोनों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। घटना के बाद वन कर्मियों ने टिकनपाल गांव के पोदिया तांती, जोगा तांती और भीमा तांती इन तीनों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज करवाई थी। जिसके बाद पुलिस गांव में पहुंचकर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
जिन्हें न्यायालय में पेश कर जेल भी भेज दिया गया है। पुलिस की इस कार्रवाई का ग्रामीण जमकर विरोध कर रहे हैं। गांववालों का कहना है कि, वन कर्मी नकाब पहनकर गांव के हर घर में घुस रहे थे। महिलाओं को डरा धमका रहे थे। जो बिल्कुल गलत था। यदि लकड़ी के तस्करों पर कार्रवाई करनी थी तो उन्हीं के घर घुसते। ग्रामीणों ने भी वन कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है।