रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश सरपंच संघ के अध्यक्ष गोपाल धीवर द्वारा सभी सरपंचों के नाम संदेश जारी करते हुये आने वाले आंदोलन एवं धरना प्रदर्शन की रूप रेखा पर मार्ग प्रशस्त करते हुये कहा है कि
दस अगस्त की कार्यक्रम की खबर आ रही है,वह इस ग्रुप का कार्यक्रम नहीं है,और कार्यक्रम निर्धारित करने वाले व्यक्ति भी इस ग्रुप में शामिल नहीं है। अर्थात वह कार्यक्रम हमारा नही है। और दुसरा यह कि छत्तीसगढ़ प्रदेश सरपंच संघ की 18 अगस्त की कार्यक्रम को अपरिहार्य कारणों से, स्थगित कर, कार्यक्रम में, कुछ आवश्यक परिवर्तन किया गया है,जो इस प्रकार है-
अवगत हों कि,कोरकमेटी की विशिष्ट पदाधिकारियों की बैठक में,सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि, छत्तीसगढ़ प्रदेश सरपंच संघ की 8 सूत्रीय अधिकार पत्र (मांगों) को लेकर 20 अगस्त से 24अगस्त तक छत्तीसगढ़ प्रदेश की सभी जनपदों में,ब्लाक स्तरीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया जाना है।जिसमें स्थानीय अनुविभागीय अधिकारी से विधिवत अनुज्ञा प्राप्त कर,धरना प्रदर्शन किया जाना है।तत्पश्चात शाम पांच बजे उन्हीं को, मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन तथा अन्य विशिष्ट जनों के नाम ज्ञापन सौंपा जाना। है,जिसकी प्रतिलिपि सभी सरपंचों को भेजी जा रही है और पावती कापी को सुरक्षित रखना है,जिसे 26 एवं 27 अगस्त को रायपुर में होने वाली छत्तीसगढ़ प्रदेश सरपंच संघ की दुसरी महाधिवेशन में प्रस्तुत किया जाना सुनिश्चित किया गया है।जहां पर महाधिवेशन में,विशिष्ट पदाधिकारियों की उद्बबोधन पश्चात ग्राम पंचायतों की लोकतांत्रिक अधिकारों को प्राप्त करने के लिए महारैली का आयोजन किया जाएगा। ततपश्चात पुनः कलेक्टर रायपुर को मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन के नाम ज्ञापन सौंपा जाना निर्धारित किया गया है।
इसलिए समस्त सरपंचों से आग्रह है किया गया हैं कि छत्तीसगढ़ प्रदेश सरपंच संघ की बैनर तले की जाने वाली इस अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यक्रम मिशन ग्राम सुराज को सफल बनाने हेतु आज से ही आवश्यक तैयारियां शुभारंभ करने की तैयारियां किया जाये, क्योंकि मिशन ग्राम सुराज की सफलता में ही छत्तीसगढ़ प्रदेश सरपंच संघ की,समस्त सरपंचों की सफलता है।
वहीं प्रदेश अध्यक्ष गोपाल धीवर द्वारा सरपंचों को आगाह करते हुये कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश सरपंच संघ की ग्रुप में,कुछ क्षुद्र खबर आ रही है,उस पर विचलित होने की आवश्यकता नहीं है,क्योंकि वह छत्तीसगढ़ प्रदेश सरपंच संघ को कमजोर करने वाले लोगों की,कुटनितिक प्रयास का हिस्सा हो सकता है,जो छत्तीसगढ़ प्रदेश सरपंच संघ की एकता और अखंडता के लिए हानिकारक है। जिसे आप लोग अच्छी तरह से समझते हैं।