रायपुर : धरमलाल कौशिक की नेता प्रतिपक्ष के पद से छुट्टी कर दी गई है. राष्ट्रीय नेतृत्व ने नारायण चंदेल पर बड़ा सियासी दांव खेला है. नारायण चंदेल को विधायक दल का नेता चुना गया है. बीजेपी प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने विधायक दल की मीटिंग में बंद लिफाफे से नेता प्रतिपक्ष का नाम निकाला है. कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी अभी फिर बड़े फेरबदल के लिए नेताओं को शॉर्टलिस्टेड की है. 2023 के मद्देनजर अपनी जमीन मजबूत करने के लिए ये बड़े और चौंकाने वाले फैसले ले रही है.
कौन है नारायण चंदेल ?
नारायण चंदेल (जन्म 19 अप्रैल 1965) एक भारतीय राजनीतिज्ञ और भारतीय जनता पार्टी , छत्तीसगढ़ राज्य के महासचिव हैं. वे जांजगीर-चांपा का प्रतिनिधित्व करने वाली छत्तीसगढ़ विधान सभा के सदस्य हैं. छत्तीसगढ़ विधान सभा के उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया है.
चंदेल पहली बार 1998 में मध्य प्रदेश विधान सभा के लिए चुने गए. मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण के बाद उन्होंने 2003 छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव उसी निर्वाचन क्षेत्र से लड़ा, लेकिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मोती लाल देवांगन से 7,710 मतों के अंतर से हार गए.
फिर से उन्होंने 2008 का विधानसभा चुनाव जीता और छत्तीसगढ़ विधानसभा में उपाध्यक्ष बने. 2018 में चंदेल फिर से कांग्रेस पार्टी के मोती लाल देवांगन को 4,188 मतों के अंतर से हराकर विधानसभा के लिए चुने गए. अब वे छत्तीसगढ़ में बीजेपी विधायक दल के नेता के रूप में काम करेंगे.
बता दें कि BJP ने इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष को बदला है. BJP ने छत्तीसगढ़ में बिलासपुर के सांसद अरुण साव को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी है. कयास लगाए जा रहे हैं कि BJP अब 2023 के लिए OBC वर्ग को साधने की जुगत में है, जिसे लेकर ये अहम फैसले लिए जा रहे हैं.