रजिस्ट्री के जीर्ण शीर्ण दस्तावेजों को सुरक्षित रखने शुरू हुआ काम
बिलासपुर। भूमि स्वामियों व 10 साल पहले जिन्होंने अपनी जमीन बेची और जिसने खरीदी उसके लिए यह अच्छी खबर हो सकती है। जमीन के दस्तावेज उनके पास नहीं है तो आने वाले दिनों में ये दस्तावेज भू अभिलेख विभाग से मिल जाएंगे। राज्य शासन के निर्देश पर ऐसे दस्तावेजों को सहेजने का काम तहसील व भू अभिलेख विभाग में किया जा रहा है। इसकी जिम्मेदारी दिल्ली की एक कंपनी को दी गई है।
वर्ष 2018 के बाद तकरीबन 10 साल पुरानी रजिस्ट्री के दस्तावेजों की नए सिरे से खोजबीन करने और उसे सुरक्षित रखने का काम किया जा रहा है। दिल्ली की कंपनी नील डेटा कंपनी को यह जिम्मेदारी दी गई है। तीन साल में सारे दस्तावेजों को सुरक्षित कर नए सिरे से फाइलिंग करने का काम दिया गया है। कंपनी के दो दर्जन तकनीकी कर्मचारी इस काम में जुटे हुए हैं।
पुराने दस्तावेजों को स्केन करने के बाद उसे नया रूप दे रहे हैं। ऐसे दस्तावेज भी हैं जिसे दीमक ने खराब कर दिया है। ऐसे दस्तावेजों को बहुत सुरक्षित तरीके से स्केन किया जा रहा है। स्केन के दौरान यह कोशिश की जा रही है कि मूल स्वरूप नष्ट न हो और जमीन के सारे अभिलेख सुरक्षित रहे व स्पष्ट रूप से दिखे भी। तहसील कार्यालय में इन दस्तावेज की स्केनिंग और नए सिरे से फाइलिंग बनाने का काम किया जा रहा है।
भूमि स्वामियों को ये होगा फायदा
जमीन की खरीदी बिक्री में लगातार मिल रही फर्जीवाड़ा की शिकायत काफी हद तक दूर होगी। पुराने दस्तावेजों के सुरक्षित रहने के कारण कोई किसी की जमीन पर दावा नहीं कर सकेगा। दस्तावेजों के अभाव में कई बार भूमि स्वामी अपनी ही जमीन के लिए तहसील कार्यालय का चक्कर काटते रहते हैं। पुराने दस्तावेजों के स्केनिंग के बाद सुरक्षित फाइलिंग बनने के बाद रजिस्ट्री की कापी की नकल आसानी से मिल जाएगी। इससे उनकी खुद की जमीन सुरक्षित रहेगी और अपनी जमीन के दस्तावेज भी हासिल कर लेगा।