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गणेशोत्सव पर्व के दिन भी खुला हाईकोर्ट, CSVTU की अधिसूचना के खिलाफ हुई सुनवाई

बिलासपुर : बुधवार को गणेशोत्सव पर्व के दिन भी दोपहर में हाईकोर्ट खुल गया। जस्टिस पीसैम कोशी ने एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ छत्तीसगढ़ की याचिका पर छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद टेक्निकल यूनिवर्सिटी (CSVTU) की अधिसूचना पर अंतरिम रूप से रोक लगा दी है। दरअसल, यूनिवर्सिटी ने 18 कॉलेजों को इंडोमेंट फंड नहीं देने पर मान्यता नहीं देने का आदेश जारी कर दिया है। साथ ही आज 31 अगस्त तक ही राशि जमा करने की छूट दी गई थी।

यूनिवर्सिटी के अधीन संचालित टेक्निकल इंस्टीट्यूट के संचालकों ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर शीघ्र सुनवाई के लिए आग्रह किया। याचिकाकर्ता के वकील ने रजिस्ट्रार जनरल को बताया कि यह केस हजारों छात्रों से जुड़ा हुआ है और शीघ्र सुनवाई नहीं हुई तो उनका भविष्य खराब हो जाएगा।

उन्होंने रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी को आवेदन दिया। जिस पर उन्होंने आज गणेश चतुर्थी पर्व पर अवकाश होने के बाद भी जस्टिस पीसैम कोशी को दोपहर तीन बजे सुनवाई करने के निर्देश दिए।

यूनिवर्सिटी के नोटिफिकेशन को दी है चुनौती
भिलाई के छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने 29 अगस्त को एक अधिसूचना जारी की है। इसमें यूनिवर्सिटी से संबद्ध सभी कॉलेजों को स्टूडेंट्स से ली जाने वाली फीस में से इंडोमेंट फंड की 60 फीसदी राशि जमा नहीं करने पर सभी कॉलेजों की मान्यता निरस्त करने का निर्णय लिया है।

दरअसल, यूनिवर्सिटी को हर साल कॉलेजों की ओर से इंडोमेंट फंड दिया जाता है। लेकिन, कॉलेज यूनिवर्सिटी में यह राशि जमा नहीं करते। इसके चलते यूनिवर्सिटी की कार्य परिषद की आपात बैठक के आधार पर यह अधिसूचना जारी कर दी। इसमें यह भी तय किया गया कि कॉलेजों को 31 अगस्त तक हर हाल में तय शुल्क जमा करना होगा।

38 में 19 कॉलेजों ने जमा कर दी राशि
यूनिवर्सिटी के फैसले के बाद 38 में से 19 कॉलेजों ने राशि जमा कर दी। लेकिन, 18 कॉलेज तय समय तक शुल्क जमा नहीं कर सके। इस स्थिति में मान्यता निरस्त होने के डर से उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी।

हाईकोर्ट ने यूनिवर्सिटी के फैसले पर लगाई रोक
केस की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता वकील ने प्रक्रियागत समस्याओं को बताया और कहा कि 29 अगस्त को अधिसूचना जारी की गई और 31 अगस्त तक का समय दिया गया है। ऐसे में कई कॉलेजों को शुल्क जमा करने में दिक्कतें हुई। उन्होंने कोर्ट से अंतरिम राहत देने की मांग की, जिसे स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने यूनिवर्सिटी के फैसले पर अंतरिम रूप से रोक लगा दी है।

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