भिलाई : मुख्यमंत्री द्वारा काम पर लौटने की अपील और उसके बाद कार्रवाई के निर्देश का वीडियो आने के बाद कर्मचारियों में और रोष व्याप्त हो गया है। अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के अहवान पर 22 अगस्त से चल रही हड़ताल खत्म होती नहीं दिख रही है।
कर्मचारी नेताओं का कहना है कि उनकी मांग पूरी तरह से जायज है। छत्तीसगढ़ के सभी मंत्री और ब्यूरोकेट्स उनकी मांग मानने को तैयार हैं। मुख्यमंत्री अकेले उनकी मांग को ना मानने की बात पर अड़े हुए हैं।
भिलाई नगर निगम मुख्यालय के गेट पर भी सैकड़ों की संख्या में निगम के अधिकारी कर्मचारी हड़ताल पर बैठे हुए हैं। यहां के कर्मचारी नेता संजय शर्मा का कहना है कि फेडरेशन के आह्वान पर चार सूत्री हड़ताल चल रही है।
मुख्यमंत्री उनकी मांग को मानते हुए नहीं दिख रहे हैं। वह अकेले इस बात पर अड़े हैं कि अधिकारी कर्मचारियों को केंद्र क समान 34 प्रतिशत डीए और 7वें वेतनमान के अनुसार एचआरए नहीं दिया जाना है। जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाएगी हड़ताल जारी रहेगी। पूरे प्रदेश में 4-5 लाख कर्मचारी आंदोलनरत हैं। प्रदेश सरकार किस-किस पर कार्रवाई करेगी। क्या वो सभी कर्मचारी अधिकारियों पर कार्रवाई करेगी। फेडरेशन उनकी धमकी से डरने वाला नहीं है। वह अपनी मांग को लेकर अडिग है।
मुख्यमंत्री की अपील और धमकी को लेकर जताया रोष
आंदोलनरत निगम कर्मी ने कहा उन सभी ने मुख्यमंत्री की अपील को पढ़ा है। हमारे प्रदेश के मुखिया ने अपील की है। हम उसका आदर भी करते हैं। उसीके चलते प्रदेश स्तर पर एक आपात कालीन बैठक चल रही है।
लेकिन दुर्भाग्यजनक स्थिति यह है कि मुख्यमंत्री पहले अपील करते हैं और उसके दो घंटे बाद कर्रवाई की धमकी देते हैं। एक तरफ अपील दूसरी तरफ धमकी। तो एक साथ ठंडा और गर्म नहीं चलेगा। मुख्यमंत्री को इस तरह का हल्कापन वाला वकत्व वापस लेना चाहिए। मुख्यमंत्री की धमकी वाली की हम निंदा करते हैं।
सरकार की वित्तीय स्थिति खराब है तो बैठकर चर्चा करे
संजय शर्मा का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार की यदि वित्तीय स्थिति खराब है तो वह फेडरेशन के नेताओं के साथ बैठकर बात करे। कमिटमेंट करे। बिना बातचीत के इसका कोई हल नहीं निकलने वाला है।
मुख्यमंत्री बात करने की जगह उल्टा दूसरे दल के नेताओं से मिलकर उनकी मांगों को सुन रहे हैं। इस तरह से बात नहीं बनने वाली फिर चाहे व कार्रवाई की धमकी दें या फिर अन्य कोई निर्देश