रायपुर| परिवहन विभाग ने 26 अगस्त को राजपत्र में यह अधिसूचना प्रकाशित की है। छत्तीसगढ़ में नई गाड़ियों की खरीदी महंगी हो गई है। इसकी वजह है बढ़ा हुआ लाइफ टाइम टैक्स। सरकार ने इस टैक्स को एक प्रतिशत बढ़ा दिया है। केवल कारों की बात करें तो इन पर लाइफ टाइम टैक्स अब 9-10 % हो गया है। यानी 10 लाख की गाड़ी खरीदने पर अब एक लाख रुपए का टैक्स देना होगा।
ऑटो डीलर्स को इसकी जानकारी 29 अगस्त को मिली। वहीं परिवहन विभाग के पोर्टल पर इसे 30 अगस्त को अपलोड किया गया। बताया जा रहा है कि सरकार ने कई सालों के बाद गाड़ियों का लाइफ टाइम टैक्स बढ़ाया है।
मोटरसाइकिल पर अब टैक्स उनकी कुल कीमत के 7% से बढ़कर 8% हो गई है। वहीं पांच लाख रुपए तक की कीमत वाली कारों की कीमत का 8% की बजाय 9% टैक्स होगा। 5 लाख रुपए से अधिक कीमत वाली कारों पर 9% की जगह अब 10% कर अदा करना होगा।
रायपुर ऑटो डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विवेक गर्ग का कहना है, बाजार में गाड़ियों की कीमत खासकर मोटरसाइकिल की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है। स्थानीय वजह से वह और महंगी हुईं तो ग्राहकों का मन खराब होता है। इस बार यह टैक्स त्योहारी सीजन के ठीक पहले बढ़ा है। इसकी वजह से भी ऑटोमोबाइल कारोबार की चिंता बढ़ी है। विवेक गर्ग की चिंता में दम भी दिखता है।
छत्तीसगढ़ में मोटरसाइकिल से लेकर ट्रैक्टर और मालवाहक तक की सालाना बिक्री औसतन 4 लाख 60 हजार होती है। इसमें से 35% गाडियों की बिक्री दीपावली और नवरात्रि पर ही हो जाती है। अगर इस सीजन में ग्राहक को सौदा महंगा लगा तो इसमें गिरावट आ सकती है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि एक प्रतिशत की वृद्धि से कारोबार पर कोई बड़ा फर्क नहीं आएगा। ऐसा कहा जरा है कि करीब छत्तीसगढ़ में यह कर वृद्धि करीब पांच साल बाद हुई है।
तकनीकी कारणों से कारोबारी भी दिक्कत में
टैक्स बढ़ाने की अधिसूचना के प्रकाशन और परिवहन विभाग के ऑनलाइन पोर्टल में अपडेट होने के बीच पांच दिन का गैप आया। इस तकनीकी वजह से ऑटोमोबाइल डीलरों को भारी दिक्कत हो गई है। अंदेशा है कि उन्होंने 26 से 30 अगस्त के बीच जो गाड़ियां बेच दी थीं, उनके बकाए रोड टैक्स को अदा करना पड़ सकता है। ऐसे में अगर वे ग्राहक से और पैसा मांगते हैं तो उसे बुरा लगेगा। खुद चुकाने जाते हैं तो बड़ी रकम हो जाएगी।
परिवहन मंत्री से मिले कारोबारी, राहत का भरोसा
छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया, पिछले दिनों उनका एक प्रतिनिधिमंडल परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर से मिलने गया था। उन्होंने उनके सामने पूरी समस्या रखी। उनको कहा गया, यह टैक्स पोर्टल पर अपलोड होने के बाद से ही लिया जाना चाहिए। परिवहन मंत्री ने उनको राहत का भरोसा दिलाया है।