रायपुर | ओबीसी संयोजन समिति छ.ग. ने राज्य सरकार द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग परिषद की गठन का स्वागत करते हुए राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया है, विदित हो कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट ने प्रदेश में आदिम जाति, अनूसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग परिषद की गठन का निर्णय लिया है, राज्य सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए ओ.बी.सी. संयोजन समिति छत्तीसगढ़ के संस्थापक अधिवक्ता शत्रुहन सिंह साहू ने पिछड़ा वर्ग परिषद की गठन की फैसले पर प्रदेश की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि देर सबेर ही सही प्रदेश में ओ.बी.सी. संयोजन समिति छत्तीसगढ़ के द्वारा ओबीसी कैडरकैम्प के माध्यम से चलाई जा रही ओबीसी जागरूकता अभियान के फलस्वरूप ओबीसी समाज में आई जागृति का परिणाम है कि आज अन्य पिछड़ा वर्ग परिषद की गठन का फैसला लिया गया है। यह पहली बार हुआ है जब किसी सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग परिषद का गठन कर ओबीसी की उत्थान और कल्याण के कार्य को दिशा देने का काम किया है राज्य सरकार के इस निर्णय से निश्चित ही अन्य पिछड़ा वर्ग के अधिकार आंदोलन के लिए संघर्षरत ओबीसी के योद्धाओं में नई ऊर्जा का संचार होगा और ओबीसी समाज को सभी सार्वजानिक एवम निजी क्षेत्रों में जनसंख्या के अनुपात में समान हिस्सेदारी दिलाने के लिए ओबीसी सलाहकार परिषद का गठन मिल का पत्थर साबित होगा |*
*राष्ट्रीय प्रचारक ओबीसी टिकेश्वर साहू ने बताया कि आजादी के बाद ओबीसी आंदोलनों की सफलता व असफलताओं का गहन अध्ययन के बाद सभी ओबीसी संगठनों और ओबीसी समाज के अन्तर्गत आने वाली सभी जातियों के 60 %लोगो को देश के सभी संसाधनों पर जनसंख्या के अनुपात में समान हिस्सेदारी दिलाने के लिए उन्हें एक झंडे के नीचे संगठित करने के लिए अब तक 100 से अधिक प्रशिक्षण शिविर का सफल आयोजन किया है, आज में संगठन में 500 से अधिक प्रशिक्षित साथीअपना समय संसाधन और हुनर देकर ओबीसी समाज को उनके संविधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक करने का काम कर रहे हैं इसी का परिणाम है कि राज्य सरकार को ओबीसी के उत्थान और सामाजिक न्याय के लिए ओबीसी परिषद का निर्माण करने ककी जरूरत पड़ी है। केंद्रीय कमेटी के संरक्षक नारायण लाल ने कहा कि ओबीसी संयोजन समिति(रजि)राज्य सरकार को ओबीसी परिषद की गठन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद प्रेषित करती है और आशा ही करती है कि जिस तरीके से उन्होंने परिषद निर्माण करने की बात रखी है उसे उतनी ही स्फूर्ति के साथ उसे लागू भी करेगी। ओबीसी संयोजन समिति ने मांग किया है कि परिषद के 40 सदस्य में से 25 सदस्य निर्वाचित विधायक पक्ष और विपक्ष से होनी चाहिए बाकी अन्य 15 को राज्य सरकार भले ही मनोनीत करे, ओबीसी समाज को समान भागीदारी और सामाजिक न्याय सुनिश्चित होने पर ही भारत के नव निर्माण की संकल्पना को पूरा किया जा सकगा जिसकी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, महात्मा ज्योतिबा फुले, संत गाडगे महराज, चुल्हाई राम साहू,आर. एल. चंदापुरी ने कठिन संघर्षों की बदौलत नींव रखी थी। वास्तव में राज्य सरकार कैबिनेट में प्रस्तावित ओबीसी परिषद की गठन एक ऐतिहासिक निर्णय होगा। ओ.बी.सी. संयोजन समिती छ.ग.आगे भी ओबीसी संयोजन को जागरूक व एकत्रित करने कैडरकैम्प देने का कार्यक्रम चलाती रहेगी।*