रायपुर : फेमस टीवी शो ‘भाबी जी घर पर हैं’ फेम सौम्या टंडन रायपुर पहुंची हुई थीं। अपने निजी काम की वजह सौम्या आई हुई थीं। सौम्या ने छत्तीसगढ़ फिल्म पॉलिसी के सलाहकार गौरव द्विवेदी से भी मुलाकात की। सौम्या ने छत्तीसगढ़ में बनी नई फिल्म उद्योग नीति को भी सराहा। कहा कि इससे प्रदेश के खूबसूरत इलाकों में बॉलीवुड प्रोजेक्ट्स पर काम बढ़ेगा जो स्थानीय कलाकारों के लिए भी बेहतर होगा।
भाबी जी..शो के कलाकार दीपेश भान की हाल ही में हार्टअटैक से मौत के बाद सौम्या ने उनके परिवार की आर्थिक मदद करने का एक अभियान भी चलाया। इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि जब कभी भी हमें किसी इंसान की मदद का मौका मिले तो इसे गंवाना नहीं चाहिए। यही हमें बेहतर बनाता है। मैंने भी बस वही किया।
सौम्या ने बताया कि शो में मलखाप का कैरेक्टर प्ले करने वाले दीपेश की दो महीने पहले मौत हो गई थी। उनके परिवार की माली हालत खराब हुई। दीपेश की इनकम से ही घर चलता था। दीपेश सेट पर सौम्या के क्लोज थे, उनके साथ अक्सर पर्सनल लाइफ की बातें, लोन, घर की स्थिति पर चर्चा होती थी। मौत के बाद जब दीपेश के परिवार पर आर्थिक संकट टूटा तो सौम्या ये देख रह न सकीं।
इसी वजह से उन्होंने फंड रेजिंग पर काम किया। सौम्या ने देश भर के लोगों से मदद मांगी। उन्होंने वीडियो बनाकर अपील की ये वीडियो वायरल हुआ तो करीब 30 लाख रुपए का फंड कुछ ही दिनों में जमा हो गया। इसके बाद भाभी शो के प्रोडक्शन से भी मदद मिली, देशभर से लोगों ने मदद की लोगों ने 10-10 रुपए भी इस अभियान में डोनेट किया।
लगभग 24 दिनों में फंड जमा हो गया। 50 लाख रुपए का होम लोन बकाया था और दीपेश का घर नीलाम होने की कगार पर था। उसे सौम्या ने इस कोशिश से बचाया। दीपेश की पत्नी ने भी सौम्या का शुक्रिया अदा किया। इस कोशिश से भाभी जी शो की भाभी ने साबित किया कि वो बड़े दिल वाली भाभी हैं।
एक ही तरह के रोल से बोर हो गई थी
सौम्या ने भाबी जी शो छोड़ दिया है। उन्होंने बताया कि मैं एक ही तरह का किरदार करके बोर हो चुकी थी। मैं कुछ अलग काम करना चाहती हूं। फिलहाल छोटे शोज, एंकरिंग और चूंकि मैं लिट्रेचर से जुड़ी हुं खुद लिखती हूं तो उनमें व्यस्त हूं। मुझे सास बहू वाले शो नहीं करने, कुछ अलग रोल मिलने पर मैं जरूरी उसे करूंगी।
बचपन में पहला प्ले किया था वो भी संस्कृत
सौम्या थिएटर से भी जुड़ी रही हैं। बचपन में उन्होंने शंकुतला का कैरेक्टर प्ले किया था। ये संस्कृत और हिंदी नाटक था। इसे दोनों भाषाओं में प्ले किया गया था। सौम्या ने इसे संस्कृत में पूरा याद किया, संस्कृत के डायलॉग्स बोलना चैलेंजिंग था नाटक में लीड कैरेक्टर सौम्या का ही था, उन्होंने इसे निभाया था।