रायपुर | छत्तीसगढ़ में भगवान राम पर कब्जे का राजनीतिक संग्राम शुरू हो गया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने पिछले दिनों कह दिया कि भगवान राम और कृष्ण कांग्रेस के नहीं हो सकते। अब कांग्रेस के लीगल सेल ने साव को नोटिस भेजकर उनसे वह दस्तावेज मांगा है जिसमें कहा गया है कि भगवान राम-कृष्ण केवल भाजपा के हैं। 15 दिन में जवाब नहीं देने की स्थिति में कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने शनिवार शाम को बताया, पिछले दिनों सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने एक बयान दिया था। उसमें उन्होंने कहा था, भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण सबके हैं, लेकिन कांग्रेस के नहीं हैं। कांग्रेस ने भगवान राम को काल्पनिक बताया था। अयोध्या में मस्जिद बनाने का वादा किया था। श्रीराम सेतु को भी कांग्रेस ने काल्पनिक बताया था।
शुक्ला ने कहा कि तथ्य यह है कि कांग्रेस पार्टी ने कभी भी भगवान श्रीराम को काल्पनिक नहीं बताया था। उसके किसी नेता ने अयोध्या में मस्जिद बनाने का कोई वादा नहीं किया था। कांग्रेस ने कभी श्री राम सेतु को भी काल्पनिक नहीं बताया था। हमारे विधि विभाग के पदाधिकारियों ने अरुण साव को कानूनी नोटिस भेजा है। उनसे 15 दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है कि जो आरोप लगा रहे हैं, उसकी प्रमाणिकता क्या है। कांग्रेस के किस नेता ने कब हलफनामा दिया था कि भगवान राम काल्पनिक हैं। कांग्रेस के किस नेता ने अयोध्या में मस्जिद बनाने का वादा कब किया था।
कांग्रेस विधि विभाग के अधिवक्ता देवा देवांगन ने कहा, यह नोटिस भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को मिल चुका है। इसमें हमने वह दस्तावेज मांगे हैं, जिसके आधार पर साव ने कांग्रेस पर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, अरुण साव कहते हैं कि भगवान श्री राम और श्री कृष्ण सबके हैं, लेकिन कांग्रेस के कभी नहीं हो सकते। मैं पूछना चाहता हूं कि क्यों नहीं हो सकते। मैं कांग्रेसी हूं। मैं प्रत्येक दिन भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण की पूजा करता हूं। तो भगवान मेरे क्यों नहीं हो सकते। ऐसा कौन सा दस्तावेज है जिसके मुताबिक भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण केवल भाजपा के हो सकते हैं, कांग्रेस के नहीं। यह कहां पर लिखा है? हमने उन्हें नोटिस दिया है। अगर वे 15 दिन में उसका जवाब देकर सार्वजनिक रूप से माफी नहीं नहीं मांगते तो उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया जाएगा।
क्या कहा था अरुण साव ने
पिछले महीने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने प्रेस से बातचीत में कहा था, भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण सबके हैं, लेकिन कांग्रेस के नहीं हैं। कांग्रेस पार्टी ने भगवान राम के लिए क्या बातें कही और क्या काम किया सभी जानते हैं। मंदिर निर्माण को रोकने का प्रयास किया था। भगवान राम को काल्पनिक बताया। ये वही लोग हैं, जिन्होंने श्रीराम सेतु को तोड़ने का खाका तैयार कर लिया था।
यहां से उपजा था यह पूरा विवाद
बात श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर छत्तीसगढ़ में शुरू किए गए श्रीकृष्ण कुंज से शुरू हुई। भाजपा ने कांग्रेस सरकार की इस योजना का विरोध किया। कांग्रेस को धर्म विरोधी बताने की कोशिश की। जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, भगवान पर भाजपा का एकाधिकार नहीं है। वे सबके हैं। उसके बाद साव का यह बयान आया था।
बीजेपी बोली-उचित मंच पर जवाब देंगे
इधर, कांग्रेस के लीगल नोटिस भेजने के बाद बीजेपी का बयान सामने आया हैै। इस मामले में पार्टी के विधिक सेल के प्रमुख नरेश गुप्ता ने कहा कि लीगल नोटिस का भाजपा उचित मंच पर जवाब देगी। जनता की अदालत से बार-बार पराजित कांग्रेस अब अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए ऊल-जुलूल, बचकानी हरकतों पर उतारू हो गई है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक रूप से किसी भी मंच पर जवाब देने में अक्षम, डूबती कांग्रेस अब ऐसे बचकानी नोटिसों में अपना सहारा तलाश रही है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के बारे में कांग्रेस का कैसा विचार रहा है, किस तरह तुष्टिकरण की नीति के तहत वह सनातन प्रतीकों का अपमान करती रही है, उसके बारे में जनता बेहतर जानती है।