हर साल सितंबर के आखिरी रविवार को ही क्यों मनाया जाता है डॉटर्स डे, जानें महत्व और इतिहास
बेटियां कुदरत का दिया हुआ खूबसूरत तोहफ़ा होती है, जो हमारे घर-आंगन को खुशियों से भर देती है। इनकी मासूम किलकारियों से घर रोशन होता है। पैदा लेती हैं तो मां-बाप का घर रोशन करती हैं और दूसरे घर जाती हैं तो पति की जिंदगी में खुशियों के फूल बिखेर देती हैं।
बेटियों का महत्व हर किसी के जीवन में है। इन्हीं बेटियों को सम्मान देने के लिए हर साल सितंबर के आखिरी रविवार को डॉटर्स डे मनाया जाता है। बेटी घर की लक्ष्मी होती है और उसके घर में कदम रखते ही हर काम पूरा हो जाता है और घर में खुशियां आ जाती है। इस दिन लोग बेटियों को सम्मान देते हैं और देश भर में कई कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है जिसमें बेटियों के लिए चलाई जा रही विभिन्न स्कीमों की भी जानकारी दी जाती है।
Daughter’s Day 2022: इतिहास
समाज में लड़के और लड़कियों के बीच की गहरी खाई को पाटने की पहल संयुक्त राष्ट्र ने की। लड़कियों के महत्व को समझते हुए उन्हें सम्मान देने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने पहली बार 11 अक्टूबर 2012 को एक दिन बेटियों को समर्पित किया। संयुक्त राष्ट्र की इस पहल का स्वागत दुनिया भर के देशों ने किया। इसके बाद से ही हर देश में बेटियों के लिए एक दिन समर्पित किया गया है। भारत में इसे हर साल सितंबर के आखिरी रविवार को मनाया जाता है।
Daughter’s Day 2022: महत्व
बेटी दिवस का देश और दुनिया में बहुत महत्व है। पुरुष प्रधान समाज में आज भी लोगों को बेटियों की जगह बेटों की चाहत होती है। अभी भी लोगों की सोच है कि भले ही वह कितनी ऊंचाइयों को छू ले, लेकिन वह बेटों की बराबरी नहीं कर सकती है। देश में बहुत से ऐसे मामले देखने सुनने को हर रोज मिल जाते हैं। इसी मानसिकता को बदलने के लिए हर साल डॉटर्स डे मनाया जाता है।