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Diwali 2022 : वास्तु के अनुसार रखें घरों में दीयों, बढ़ेगी सुख-समृद्धि, बरसेगी माँ लक्ष्मी की कृपा…

Vastu Tips for Diwali 2022 |  वास्तु शास्त्र में घर में मौजूद वस्तुओं और उनकी स्थिति का विशेष महत्व बताया गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार माना जाता है कि घर में मौजूद हर वस्तु से निगेटिव या फिर पॉजिटिव एनर्जी निकलती हैं जिसका असर घर में रहने वाले लोगों पर अच्छा या बुरा पड़ता है। लेकिन अगर घर में वास्तु दोष हो तो हर एक काम बिगड़ना शुरू हो जाता है। पांच दिनों के त्योहार दिवाली की शुरुआत अगले महीने हो जाएगी. इस दौरान लोग घरों की साफ-सफाई करते हैं और जगमग रोशनी से उसे सरोबार करते हैं. इसके लिए रंग-बिरंगी लाइटों का भी इस्तेमाल करते हैं. हालांकि, इसके बावजूद लोग अपने घरों में दीए जलाना नहीं भूलते हैं. लोग दिवाली पर हर जगह पर दीए जलाकर घर को रोशन करते हैं, लेकिन वास्तु शास्त्र में इनको रखने के भी नियम हैं. वास्तु के हिसाब से दीयों को रखा जाए तो घर में समृद्धि बढ़ती है और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है.

मां लक्ष्मी होती है प्रसन्न

दीपावली पर वास्तु के नियमों से दीयों को सही जगह पर रखा जाए तो घर में समृद्धि के साथ ही मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर प्रवास करने के लिए आती हैं. दीए में डाला गया तेल इंसान की नकारात्मक भावना का प्रतिनिधित्व करता है और उसकी बाती आत्मा की. ऐसे में जलते हुए दीपक से आत्मा की शुद्धि होती है.

थाली में रखें आभूषण

वास्तु के कुछ नियमों के हिसाब से अगर घर में दिशा विशेष में दीयों को जलाकर रखा जाए तो शुभ परिणामों की प्राप्ति होती है. दीयों को जलाकर जिस थाली में रखें, उसमें सोने या चांदी का कोई आभूषण जरूर रखें. घर के पास में कोई मंदिर है तो दीयों को जलाकर सबसे पहले वहां ले जाएं, कुछ दीए मंदिर में रखें, इसके बाद बाकी के दीए घर में लाकर विभिन्न जगहों पर रखें.

ईशान कोण का ध्यान

दिवाली का दीया मंदिर के बाद सबसे पहले घर के पूजा वाले स्थान पर रखना चाहिए. हालांकि, पूजा स्थल अगर ईशान कोण में हो तो काफी अच्छे परिणाम मिलते हैं. अगर घर का पूजा स्थल ईशान कोण में नहीं बना है तो घर में ईशान कोण वाले जगह पर दीया रखा जा सकता है.

तेल का करें इस्तेमाल

घर पर वायव्य कोण और दक्षिण दिशा में भी एक दीया जरूर रखना चाहिए. दक्षिण दिशा यम की मानी जाती है. इससे पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है. दिवाली पर दीया जलाते समय तेल का ही इस्तेमाल करें और बाती गोल न होकर हमेशा लंबी होनी चाहिए

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