छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय की कई दिनों से चल रही कार्रवाई के बाद अंततः अधिकृत बयान जारी कर दिया गयाईडी ने 6.5 करोड़ नगद, सोना और बेनामी संपत्ति के कागजात जब्त करने का दावा किया
रायपुर. छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कई दिनों से चल रही कार्रवाई के बाद अंततः अधिकृत बयान जारी कर दिया गया है। इसमें ईडी ने 6.5 करोड़ नगद, सोना और बेनामी संपत्ति के कागजात जब्त करने का दावा किया है।
अभी जांच जारी रहेगी। साथ ही तीन गिरफ्तारियों और आरोपियों से पूछताछ भी जारी है। सूत्रों से पता चला है कि आरोपियों से पूछताछ में 02 आईएएस और 03 आईपीएस के नये नाम सामने आए हैं। जिनसे ईडी अगले चरण के लिए पूछताछ के लिए फोकस करेगी।
अपने अधिकृत बयान में ईडी ने कहा कि एक आईएएस समीर बिश्नोई समेत तीन लोग ईडी की हिरासत में पूछताछ के लिए गए हैं।इनसे पूछताछ पूरी होने के बाद 21 तारीख को फिर रायपुर की अदालत में पेश किया जाएगा। संभावना है कि पूछताछ पूरी होने के बाद नए तथ्य सामने आएंगे।
अपनों को लाभ दिलाने सरकारी राजश्व को क्षति
ईडी ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा कि राज्य में अवैध कोयला और खनन का कारोबार बड़े पैमाने पर चल रहा है जिसमें ब्यूरोक्रेटस, पॉलिटिशियन और दलालों का एक संगठित गिरोह काम कर रहा है। खुलासा किया गया कि राज्य के खनन निदेशक ने एक पत्र 15 जुलाई 2020 को लिखा था जिसमें कोयले अवैध कोयला तथा खनन की कार्यवाही पर शंका जाहिर की थी। इस पत्र के आधार पर भी ईडी ने अपनी जांच को आगे बढ़ाया जिसमें खनन विभाग की ई परमिट, एनओसी और एसओपी जारी करने में गड़बड़ियां पाई गई। जिसके चलते अवैध खनन, अवैध कोयला तथा अवैध परिवहन को बढ़ावा मिला और इसमें राज्य के एक संगठित गिरोह ने काम किया।
कलेक्टरों ने दी 30 हजार एनओसी
ईडी ने कोयला अवैध कोयला का कारोबार उजागर करते हुए कहा कि कॉल डिलीवरी ऑर्डर जारी किया गया। इसमें कंपनियों को ₹500 प्रति मेट्रिक टन शुल्क निर्धारित किया गया। 45 दिन के अंदर इसे देने को कहा गया बाद में इसे बदल दिया गया। और दूसरी कंपनोयों को लाभः पहुंचाया गया। कोल और खनिज के अवैध खनन की साजिशों का खुलासा करते हुए ईडी ने कहा कि कलेक्टरों ने और खनन निदेशक ने 15 जुलाई 2022 तक 30 हजार एनओसी जारी की जिससे पता चलता है की अवैध खनन को किस हद तक सरकारी संरक्षण प्राप्त है। आश्चर्य की इसका कोई रिकॉर्ड, फाइल, ई चालान की कॉपी नहीं मिल सकी।
25 रुपए प्रति टन की अवैध वसूली
ईडी ने अपने पत्र में आगे कहाकि एक आरोपी सूर्यकांत तिवारी को सरकारी अधिकारी का संरक्षण मिला और ₹25 प्रति टन की अवैध वसूली की गई जिसकी एनओसी कलेक्टर आफिस से दी गईं। ऐसा करके प्रतिदिन 2-3 करोड रुपए इकट्ठे किए गए। एक अन्य आरोपी लक्ष्मीकांत तिवारी के यहां से 1.5 करोड़ रुपए छापा के दौरान हासिल किए गए। तिवारी ने स्वीकार किया कि एक से दो करोड़ रुपए प्रतिदिन हासिल किए गए। इसमें इंद्रमणि ग्रुप के सुनील कुमार अग्रवाल और सूर्यकांत तिवारी ने साथ दिया और भूमिका भी निभाई
ईडी ने यह भी कहा कि 2009 बैच के आईएएस समीर बिश्नोई और उनकी पत्नी के निवास से 47 लाख रुपए और 4 किलो सोना बरामद किया गया। इस कार्यवाही में कुल 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनसे 21 अक्टूबर तक पूछताछ होगी। अभी ईडी की कार्यवाही जारी है।
आई टी की एफआईआर छापे का आधार बनी
ईडी ने दावा किया है कि सरकार में कोयला और खनिज के नाम पर अवैध वसूली करने के लिए कुछ प्रशासक नेता और दलाल ने मिलकर अवैध कमाई का खेल खेला। ईडी ने आगे कहा कि मनी लांड्रिंग का आरोप लगाते हुए आशंका व्यक्त करते हुए इनकम टैक्स विभाग ने जो एफ आई आर दर्ज की थी उसी के आधार पर ईडी ने कार्यवाही की है. ईडी ने दावा किया कि राज्य मे प्रताड़ना का माहौल बनाकर अवैध उगाही की जा रही है जिसमें सीनियर ऑफिशियल सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल है। इसी आशंका के मद्देनजर ईडी ने संदिग्धों से पूछताछ की है।
प्रेस विज्ञप्ति में बयान में आगे कहा गया है कि ईडी ने एक आरोपी सूर्यकांत तिवारी से पूछताछ की है तथा उनके निवास पर छापे मारे हैं. रायगढ़ कलेक्टर आईएएस रानू साहू के यहां भी छापा मारा गया मगर वे गायब पाई गईं। इन दोनों कार्यवाही में ईडी को 4.5 करोड़ नगद के अलावा सोना तथा अन्य अवैध कागजात मिले हैं। अभी कार्यवाई जारी रहेगी।