बीयर पीने वालों को बड़ा झटका: राज्य सरकार ने बीयर पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी में 10-12 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी का किया ऐलान
नई दिल्ली: गोवा में अब बीयर पीने के लिए अधिक पैसे खर्च करने पड़ेंगे. राज्य सरकार ने बीयर पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी में 10-12 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी का ऐलान किया है. सरकार के इस कदम से राज्य में बीयर के रेट बढ़ सकते हैं. सरकार के इस फैसले के बाद कहा जा रहा है कि राज्य में बीयर 15 रुपये से लेकर 30 रुपये तक महंगी हो सकती है. लाइट बीयर के लिए 15 रुपये और प्रीमियम बीयर के लिए 30 रुपये से अधिक चुकाने पड़ सकते हैं.
गोवा लिकर ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दत्ताप्रसाद नाइक ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि हल्की बीयर की कीमतों में 15 रुपये बोतल की बढ़ोतरी होगी. वहीं, स्ट्रॉन्ग बीयर के लिए ग्राहक को 20-25 रुपये अधिक देने पड़ सकते हैं. वहीं, प्रीमियम बीयर की कीमतों में 30 रुपये प्रति बोतल का इजाफा हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि गोवा में बीयर के ज्यादातर ग्राहक स्थानीय निवासी हैं. गोवा आने वाले पर्यटक भारतीय निर्मित विदेशी शराब (IMFL) पीना पसंद करते हैं.
गोवा को हमेशा देश के अन्य राज्यों के मुकाबले शराब की सस्ती कीमतों के लिए जाना जाता है. खासकर महाराष्ट्र और कर्नाटक की तुलना में गोवा में शराब सस्ती कीमतों पर मिलती है. गोवा घूमने जाने वाले लोग अक्सर वहां सस्ती बीयर पीना पसंद करते हैं. बीयर की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद पर्यटकों को गोवा में बीयर पीने के लिए अधिक पैसे देने पड़ेंगे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में गोवा में शराब की बिक्री में 30-40 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई.
एंट्री लेवल बीयर पर उत्पाद शुल्क अब 30 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 42 रुपये कर दिया गया है. प्रीमियम सेगमेंट में पांच फीसदी से अधिक अल्कोहल की मात्रा वाली स्ट्रॉन्ग बीयर और जहां खुदरा मूल्य 160 रुपये प्रति बोतल से अधिक है. वहां, 60 रुपये प्रति लीटर का शुल्क लगाया गया है. जबकि पहले यह 50 रुपये प्रति लीटर था. इस त्योहारी सीजन में शराब कंपनियां अपनी बिक्री को बढ़ाने की कोशिश में जुटी हैं. उन्होंने शराब की सप्लाई बढ़ाने का लक्ष्य रखा है.
कोरोना महामारी की वजह से पिछले दो साल त्योहारी सीजन में शराब की बिक्री में गिरावट देखने को मिली थी. शराब बनाने वाली कंपनियां इस साल फेस्टिव सीजन में कमाई का मौका नहीं गंवाना चाहती हैं. उन्हें उम्मीद है कि इस सीजन जमकर बिक्री होगी. भारत में अक्टूबर से जनवरी के बीच का समय शराब और बेवरेज कंपनियों के कारोबार के लिए मुफीद माना जाता है.