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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि पत्नी अगर पुरुषों की तरह पान मसाला, गुटखा और शराब सेवन कर पति को परेशान करे तो यह क्रूरता है

 

रायपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि पत्नी अगर पुरुषों की तरह पान मसाला, गुटखा और शराब के साथ नॉनवेज खाकर पति को तंग करती है तो वह क्रूरता है। नशे में पत्नी आत्महत्या की कोशिश कर ससुरालवालों को फंसाने की धमकी देने जैसी घटनााओं के सबूतों पर भी कोर्ट को विचार करना चाहिए। जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की बेंच ने इस केस में कोरबा के फैमिली कोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए पति को तलाक के लिए हकदार माना है। यह पूरा मामला कोरबा जिले का है। बांकीमोंगरा में रहने वाले उदय शर्मा की शादी 19 मई 2015 को कटघोरा की प्रिया से हुई थी। शादी के महज सात दिन बाद 26 मई की सुबह उसकी पत्नी बिस्तर में अचेत पड़ी थी और उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। परेशान पति उसे इलाज कराने के लिए लेकर गया, तब पता चला कि वह पान मसाला, गुटखा और शराब पीने के साथ ही नॉनवेज खाने दी आदी है। शुरूआत में उन्हें लगा कि शादी के बाद पत्नी का व्यवहार बदल जाएगा। लेकिन, ससुरालवालों के प्रति उसका व्यवहार बदल गया और आए दिन दुर्व्यवहार करना शुरू कर दी। उदय शर्मा की पत्नी शादी के बाद भी शराब पीती रहीं और नॉनवेज खातीं रहीं। वह गुटखा खाकर बेडरूम में इधर-उधर थूक देती थी, उसे मना करने पर वह लड़ाई झगड़ा करने लग जाती थी। महिला ने 30 दिसंबर 2015 को अपने ऊपर आग लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। ससुरालवालों ने आग बुझाकर उसकी जान बचाई। इसके बाद वह दो बार छत से कूदकर आत्महत्या करने का प्रयास किया और फिर दो बार कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर रही थी। हर बार घरवाले उसे बचाने के लिए मशक्कत करते रहे। इस दौरान महिला जब गर्भवती हुई, तब वह पति की जानकारी के बिना ही गर्भपात करा ली। इसके बाद ससुरालवालों को झूठे केस में फंसाने की धमकी देने लगी। पति ने उसके इस तरह के व्यवहार को देखकर साइकेट्रिस्ट डॉक्टर से उपचार भी कराया। रायपुर में उसका इलाज चल रहा था। बाद में पत्नी की हरकतों को देखकर पति ने थाने में शिकायत की। लेकिन, पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। आखिरकार पत्नी की हरकतों से तंग आकर पति ने कोरबा के फैमिली कोर्ट में हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13(1)(i-a) के तहत तलाक के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। लेकिन कोर्ट ने उनके सबूतों को नजरअंदाज करते हुए आवेदन को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने पत्नी की आदत, पति और ससुरालवालों को झूठे केस में फंसाने की धमकी, बार-बार खुदकुशी का प्रयास करना, बगैर अनुमति के गर्भपात कराने जैसे व्यवहार को पति और ससुरालवालों के साथ क्रूरता माना है। डिवीजन बेंच ने कहा है कि इस तरह के केस में सूबतों पर कोर्ट को विचार करना चाहिए। हाईकोर्ट ने कोरबा के फैमिली कोर्ट के निर्णय को खारिज करते हुए पति के तलाक के आदेवन को स्वीकार किया है।

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