1300 साल बाद सूर्य ग्रहण पर बना ऐसा दुर्लभ संयोग,हो सकता है इन राशि वाले को खतरा
1300 साल बाद सूर्य ग्रहण पर बना ऐसा दुर्लभ संयोग, आज के दिन भूल से भी न करें यह गलती, इन राशियों पर पड़ेगा बुरा प्रभाव…
धर्म। हर साल लक्ष्मी पूजा के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है लेकिन इस साल सूर्य ग्रहण की वजह से सभी तिथि एक दिन आगे पड़ गई है। गोवर्धन पूजा कल 26 अक्टूबर को और भाई दूज 27 अक्टूबर को मनेगी। इसी के साथ ही पांच दिवसीय दीपोत्सव का समापन भी हो जाता है।
कितने बजे से लगेगा सूर्य ग्रहण
सूर्यग्रहण शाम 4:40 बजे शुरू होगा और 5:24 बजे तक रहेगा। इसकी समय अवधि:1 घंटे 19 मिनट की रहेगी।
भारत में इन जगहों पर दिखेगा सूर्य ग्रहण
दिल्ली, राजस्थान,पश्चिमी मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब,उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड. जम्मू, श्रीनगर, लेह और लद्दाख
देश के इन हिस्सों में कुछ समय के लिए दिखेगा सूर्य ग्रहण-
दक्षिण भारत के हिस्से जैसे तमिलनाडु, कर्नाटक,मुंबई, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड और बंगाल
देश के इन हिस्सों में नहीं दिखाई देगा सूर्य ग्रहण
देश के पूर्वी भागों में असम,अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नागालैंड
1300 साल बाद बन रहा दुर्लभ संयोग
इस वर्ष दिवाली के अगले दिन सूर्य ग्रहण का योग और ग्रहों का योग 1300 सालों बाद बना रहा है। ग्रहण के समय चार ग्रह खुद की राशि में मौजूद रहेंगे। जिसमें बुध,गुरु, शनि और शुक्र सभी चारों ग्रह अपनी-अपनी राशि में मौजूद रहेंगे।
भारत में आंशिक सूर्य ग्रहण लगने के कारण इसका सूतक काल मान्य होगा जो शुभ नहीं माना जाता। सूतक में पूजा-पाठ और शुभ काम वर्जित होते हैं। सूर्य ग्रहण लगने पर सूतक काल ग्रहण के शुरू होने से 12 घंटे पहले लग जाता है।
खाने पीने की चीजों में डालने चाहिए तुलसी के पत्ते
सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक लगने पर खाने-पीने की सभी चीजों में तुलसी के पत्ते डाला जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से ग्रहण की सभी तरह की नकारात्मक किरणें खाने-पीने की चीजों पर नहीं होता है।
ग्रहण के दौरान वातावरण में नकारात्मक और दूषित किरणें फैली हुई होती हैं जो सेहत के लिए हानिकारक मानी गई हैं। आयुर्वेद में तुलसी के पत्तों का बहुत ही महत्व होता है। तुलसी के पत्ते संजीवनी होते हैं। तुलसी में एंटी-बैक्टीरिया और आयरन तत्व बहुत होते हैं। इसका सेवन करने से व्यक्ति की इम्युनिटी बढ़ती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान सभी तरह के खाने-पीने की चीजें अपवित्र हो जाती हैं। इस कारण से खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल दिए जाते हैं ताकि सूर्य ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
इस बात का विशेष ध्यान रखें कि जब भी ग्रहण लगे तो उस दौरान तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। ग्रहण के लगने के एक दिन पहले ही तुलसी के पत्तों को तोड़कर रख लेना चाहिए। ग्रहण के अलावा रविवार और अमावस्या के दिन भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए। तुलसी के स्वयं के गिरे हुए पत्तों का ही प्रयोग करना चाहिए।