छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना ने किया कमाल, 25 लाख लोगों से ज्यादा को मिला मुफ्त इलाज
रायपुर। मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के माध्यम से अब तक 25 लाख से ज्यादा लोगों का इलाज मोबाइल मेडिकल यूनिट के चिकित्सा दल द्वारा गरीबों की बस्तियों में पहुंचकर किया है। योजना के तहत अब पूरे राज्य के नगरीय क्षेत्रों के स्लम बस्तियों में चिकित्सक, पैरामेडिकल टीम, मेडिकल उपकरण एवं दवाओं से लैस 120 मोबाइल मेडिकल यूनिट पहुंचकर लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करा रही है।
योजना के तहत अब तक पांच लाख 15 हजार 574 मरीजों को पैथालॉजी टेस्ट की सुविधा मुहैया कराने के साथ ही 20 लाख 92 हजार 266 से अधिक मरीजों को निःशुल्क दवाएं दी गई हैं। योजना के तहत लाभान्वित मरीजों में दो लाख 41 हजार 865 श्रमिक भी हैं। प्रायः देखा गया है कि गरीब लोग कई कारणों से अस्पताल तक नही पहुंच पाते, जिससे उनका इलाज नहीं हो पाता। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गरीबों की इस पीड़ा को समझा।
गरीबों का इलाज करने उनके घर पर ही डॉक्टर पहुंचे ऐसी परिकल्पना उन्होंने की। शहरों में मोबाइल मेडिकल यूनिट के वाहन घूम-घूम कर स्लम बस्तियों में निवासरत गरीबों का इलाज कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत अब तक राज्य के 169 नगरीय निकायों की स्लम बस्तियों में 35 हजार 801 कैम्प लगाकर लोगों की निःशुल्क जांच व उपचार कर दवाईयां दी गई हैं। नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि नगरीय क्षेत्रों की तंग बस्तियों के एवं अन्य जरूरत मंद लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें निशुल्क दवायें उपलब्ध करायें।
गौरतलब है कि राज्य के 14 नगर निगम क्षेत्रों की स्लम बस्तियों में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के प्रथम चरण की शुरूआत 01 नवम्बर 2020 को हुई थी। इसके तहत 60 मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा स्लम बस्तियों में जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण और उपचार एवं दवा वितरण की शुरूआत की गई थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा इस योजना से लोगों को घर पहुंची। स्वास्थ्य सुविधा को देखते हुए 31 मार्च 2022 को इसका विस्तार पूरे राज्य के नगरीय निकाय क्षेत्रों में किया गया तथा 60 और नई मोबाइल मेडिकल यूनिट शुरू की गई।