कांकेर

छत्तीसगढ़ में पहली बार पक्षियों का सर्वे,कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान से पक्षियों का सर्वे शुरू,56 पक्षी विशेषज्ञ होंगे शामिल

 

रायपुर। छत्तीसगढ़ में पहली बार पक्षियों का सर्वे किया जा रहा है। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान से पक्षियों का सर्वे शुरू किया गया है। 25 से 27 नवंबर तक होने वाले इस सर्वेक्षण में देश के 11 राज्यों जिनमें छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, गुजरात, केरल, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, राजस्थान आदि के 56 पक्षी विशेषज्ञ शामिल होंगे।

पक्षी सर्वेक्षण के लिए राष्ट्रीय उद्यान में 18 कैंप बनाए गए हैं। छत्तीसगढ़ शासन, बर्ड काउंड इंडिया एवं वाइल्ड लाइफ आफ छत्तीसगढ़ के सहयोग से सर्वेक्षण कार्य को प्रस्तावित किया गया है।

उल्लेखनीय है कि पहाड़ी मैना को छत्तीसगढ़ में राजपक्षी का दर्जा दिया गया है। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान पहाड़ी मैना का सबसे प्रमुख रहवास क्षेत्र है। माना जा रहा है कि राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन की सहायता से इस सर्वेक्षण से इको-टूरिज्म में बर्ड वाचिंग के नए अध्याय खुलेंगे। अब तक प्रदेश में 167 पक्षियों के प्रजातियों की जानकारी हासिल की गई है।

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक ने बताया कि, पक्षी सर्वेक्षण से बस्तर ही नहीं प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र को बढ़ावा देने में काफी मदद मिलेगी। जगदलपुर मध्य भारत के जैव विविधता का एक अनोखा खजाना है। जिला मुख्यालय जगदलपुर से 27 किलोमीटर दूर दरभा मार्ग पर स्थिति कांगेर घाटी अपने प्राकृतिक सौंदर्य जैव विविधता रोमांचक गुफाओं के लिए देश-विदेश में प्रसिद्ध है।

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