लाखों रूपये चोरी करने वाले कंपनी के 2 कर्मचारी को गिरफ्तार, जानिए पूरी जानकारी…
रायपुर। एस.आर. कार्पारेट कन्सलटेन्सी प्रा। लि. में लाखों रूपये चोरी करने वाले कंपनी के 2 कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के मुताबिक प्रार्थी सुभेन्दू कुमार सतपथी ने थाना तेलीबांधा में रिपोर्ट दर्ज कराया कि वह एस.आर. कार्पाेरेट कन्सलटेन्सी प्रा0लि0 चौथी मंजिल ऐश्वर्या चेम्बर तेलीबांधा रायपुर में सीनियर मैनेजर के पद पर पदस्थ है।
कंपनी के मालिक सुरेन्द्र कुमार जैन एवं रीतू जैन दिनांक 22.11.2022 को काम के सिलसिले में दिल्ली गये हुये थे और कंपनी का चाबी रिसेप्शनिस्ट श्रद्धा ठाकुर को दिये थे। जो दिनांक 25.11.2022 को सुबह करीबन 09.30 बजे आफिस खोली और शाम करीबन 07.00 बजे आफिस बंद करके अपने अपने घर चली गयी। दिनांक 26.11.2022 को सुबह करीबन 09.30 बजे श्रध्दा ठाकुर फोन करके प्रार्थी को बतायी कि उक्त कंपनी के ऑफिस का ताला टूटा हुआ है और अंदर सारा सामान बिखरा पडा है। तब प्रार्थी आकर देखा तो आफिस के अंदर सारा सामान बिखरा हुआ था तथा सी.सी.टी.व्ही. कैमरा का तार टुटा हुआ था तब प्रार्थी अपने मालिक सुरेन्द्र कुमार जैन एवं रीतू जैन को फोन करके बताया, तब उन्होंने बताया कि ऑफिशियल दस्तावेज एवं नगदी रकम आफिस में रखा हुआ था। मालिक सुरेन्द्र कुमार जैन एवं रीतू जैन द्वारा दिल्ली से वापस आकर चेक करने पर पाया गया कि आफिस के दराज में रखा नगदी रकम 03 लाख रूपये, 01 नग लैपटॉप तथा 01 नग घड़ी नहीं था। कोई अज्ञात चोर आफिस का ताला तोड़कर अंदर प्रवेश कर दराज में रखें उक्त मशरूका को चोरी कर ले गया था।
जिस पर अज्ञात आरोपी के विरूद्ध थाना तेलीबांधा में अपराध क्रमांक 737/22 धारा 457, 380 भादवि. का अपराध पंजीबद्ध किया गया।जिस पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट तथा थाना तेलीबांधा पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा घटना स्थल का निरीक्षण कर प्रार्थी सहित आस-पास के लोगों से विस्तृत पूछताछ कर अज्ञात आरोपी की पतासाजी करना प्रारंभ किया गया। चूंकि आरोपी बहुत ही शातिर किस्म का था जिसने स्वयं की पहचान छिपाने के उद्देश्य से आफिस में लगे सी.सी.टी.व्ही. कैमरों के तार को तोड़ने के साथ ही कैमरे के डी.व्ही.आर. को भी चोरी कर ले गया था।
टीम के सदस्यों द्वारा घटना स्थल के आसपास लगे सी.सी.टी.व्ही. कैमरों के फुटेजों का अवलोकन करने के साथ ही प्रकरण में मुखबीर भी लगाये गये। टीम के सदस्यों द्वारा कंपनी के मालिक सहित कंपनी में कार्य करने वाले समस्त कर्मचारियों से भी घटना के संबंध में पृथक – पृथक पूछताछ कर उनके बयानों को आपस में क्रॉस किये जाने के साथ ही तकनीकी विश्लेषण के माध्यम से भी अज्ञात आरोपी की पहचान सुनिश्चित करने के प्रयास किये जा रहे थे।इसी दौरान टीम के सदस्यों को मुखबीर से सूचना प्राप्त हुई कि उक्त कंपनी में कार्य करने वाले अनुराग ढ़ीढ़ी एवं हितेश चतुर्वेदी को घटना स्थल के पास देर रात्रि संदिग्ध अवस्था में देखा गया था।
जिस पर टीम के सदस्यों द्वारा दोनों को पकड़कर पुनः पूछताछ करने पर उनके द्वारा बार – बार अपना बयान बदला जा रहा था जिस पर टीम के सदस्यों का शक दोनों पर गहरा हो गया कि दोनों से प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर कड़ाई से पूछताछ करने पर अनुराग ढ़ीढ़ी एवं हितेश चतुर्वेदी अपने झूठ के सामने टिक न सके और अंततः चोरी की उक्त घटना को अंजाम देना बताया गया।पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि अनुराग ढ़ीढ़ी कंपनी में वाहन चालक है तथा हितेश चतुर्वेदी कंपनी में चपरासी का काम करता है।
आरोपी अनुराग ढ़ीढ़ी को इस बात की जानकारी थी कि कंपनी के मालिक द्वारा ऑफिस के दराज में लाखों रूपये नगदी रकम रखा गया है, जिस पर आरोपी अनुराग ढ़ीढ़ी द्वारा हितेश चतुर्वेदी के साथ मिलकर चोरी की करने की योजना बनायी गयी तथा दोनों मिलकर दिनांक घटना को लोहे के कुटेला से ऑफिस का तोड़कर अंदर प्रवेश किये एवं सर्वप्रथम सी.सी.टी.व्ही. कैमरों के वायर को तोड़े तथा दराज में रखें नगदी रकम, लैपटॉप एवं घड़ी को चोरी करने के साथ ही सी.सी.टी.व्ही. कैमरे के डी.व्ही.आर. को भी चोरी कर ले गये तथा के डी.व्ही.आर. को ओव्हरब्रीज के नीचे स्थित एक नाला में फेंक दिये।