अब स्कूली छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जाएगा सड़क सुरक्षा का पाठ…
रायपुर। राज्य सरकार छात्रों को अब स्कूली शिक्षा के साथ-साथ सड़क सुरक्षा का पाठ भी पढ़ाएगी। राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद ने कक्षा एक से लेकर 10वीं तक की किताबों में सड़क सुरक्षा का पाठ जोड़ने का काम शुरू किया है। हालांकि वर्तमान में भी कुछ कक्षाओं में सड़क सुरक्षा के लिए पाठ हैं, मगर वह क्रमबद्ध नहीं हैं।
अब प्राइमरी, मिडिल और हाई स्कूल के आधार पर पाठों को नए सिरे से विकसित किया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार सड़क सुरक्षा से जुड़े नियमों की घुट्टी यदि स्कूलों में मिलेगी तो घर और परिवार के लोगों में जागरूकता तो बढ़ेगी ही, सड़क दुर्घटनाएं भी कम होंगी।
पहली-दूसरी के बच्चों को चित्र का माध्यम
बताया जा रहा है कि, सत्र 2023-24 में विद्यार्थियों को संसोधित किताबें मिलेंगी। पहली-दूसरी के बच्चों को चित्र के माध्यम से बताया जाएगा कि यात्रा करते समय यदि रोड पर कोई रेड सिग्नल मिलता है तो इसका अर्थ है कि वहां पर रुकना है। ग्रीन सिग्नल का अर्थ है कि अब आगे बढ़ना है। तीसरी, चौथी-पांचवीं की किताबों में सड़क सुरक्षा के लिए जो नियम बनाए गए हैं उनको कहानियों और कविताओं के माध्यम से पढ़ाया जाएगा।
सड़क सुरक्षा के पाठ और उससे आधरित प्रश्न भी
मिडिल और हाई स्कूल में सड़क सुरक्षा के पाठ और उससे आधरित प्रश्न भी होंगे। सरकारी आंकड़ों के अनुसार राज्य गठन के बाद अब तक की सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं व मौतें वर्ष 2021 में हुई हैं। इस वर्ष में कोरोना चरम पर था और डेढ़ महीने का लाकडाउन भी था फिर भी सड़क दुर्घटनाओं में 5,371 मौतें दर्ज की गईं। 2021 में 12,139 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इन दुर्घटनाओं में 10,496 लोग घायल भी हुए। वर्ष 2000 में राज्य गठन के समय प्रदेश में हर वर्ष औसतन एक से डेढ़ हजार लोगों की मौतें सड़क हादसे में होती थी। अब वर्ष 2022 के प्रथम छह माह में ही 6,981 सड़क दुर्घटनाओं में 3,053 व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है।