परीक्षा के लिए वह ऑनलाइन तैयारी कर रहा छात्र ने यूट्यूब पर केस करते हुए 75 लाख रुपए का हर्जाना मांगा
नई दिल्ली: कोरोना काल के बाद से ही ऑनलाइन क्लासेस और दूसरी साइटों सहित यूट्यूब के माध्यम से पढ़ाई करने का क्रेज बढ़ता जा रहा है. इसमें होता यह है कि स्टूडेंट्स को घर बैठे-बैठे पढ़ाई करने को मिल जाती है. उसे घर से बाहर जाकर अलग से कोचिंग नहीं लेनी पड़ती. ऑनलाइन उपलब्ध इन एजुकेशनल वीडियो में नियमित अंतरात पर कई विज्ञापन भी आते रहते हैं. यूट्यूब पर उपलब्ध इन वीडियोज के बीच आने वाले विज्ञापनों में अश्लील कंटेंट भी होता है. इन्हीं अश्लील कंटेंट के कारण परीक्षा में फेल हुए एक छात्र ने यूट्यूब पर केस करते हुए 75 लाख रुपए का हर्जाना मांगा.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान स्टूडेंट की याचिका को सबसे घटिया याचिका करार देते हुए केस को खारिज कर दिया. साथ ही कोर्ट का समय बर्बाद करने के लिए स्टूडेंट पर 25 हजार रुपए का फाइन लगा दिया. छात्र आनंद प्रकाश चौधरी यूट्यूब की मदद से एमपी पुलिस भर्ती परीक्षा के लिए ऑनलाइन एजुकेशनल वीडियो देखकर पढ़ाई करता था. कई बार वीडियो के बीच में अश्लील विज्ञापन भी आते रहते थे. इस कारण से आनंद प्रकाश का पढ़ाई में मन नहीं लगता था.
जिस परीक्षा के लिए वह ऑनलाइन तैयारी कर रहा था, उसमें फेल हो गया. छात्र ने अपने फेल होने का जिम्मेदार यूट्यूब पर आने वाले अश्लील विज्ञापनों को बताया. इसके बाद छात्र ने यूट्यूब के खिलाफ 75 लाख रुपए का हर्जाना दिए जाने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में इसी मामले में जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस ओक की पीठ में सुनवाई हुई. इस दौरान पीठ ने नाराजगी जताते हुए याचिका को सबसे घटिया करार दिया और याचिका खारिज कर दी.
साथ ही पीठ ने कहा, ”यदि आप विज्ञापन नहीं देखना चाहते तो न देखें. हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि यह याचिका दिलचस्प तो है, लेकिन बेहद बेतुकी भी है.” कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए छात्र से कहा, ”आपने कोर्ट का समय बर्बाद किया है, इसके लिए आप पर 25 हजार रुपए जुर्माना लगाया जाता है.”