संत वही जो भक्तों के जीवन में परिवर्तन लाएं… आचार्य हिमांशु कृष्ण
आरंग– एक राजा और देश के जवानों पर देश की सुरक्षा का दायित्व होता है वैसे ही जैसे हमारे देश की जनता की सुरक्षा का दायित्व हमारे देश की सरकार सोचती है और हमारे देश के जवान हमारे सुरक्षा में तैनात रहते हैं उसी तरह आरंग की पावन नगरी में श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ के पावन पर्व के अवसर पर धर्म कार्य में भाग लेने वाले हमारे कार्यकर्ता भी माता और बहनों की सुरक्षा के लिए खड़े हुए हैं लगातार माता और बहनों को बैठने के लिए उनकी व्यवस्थाओं के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं यही एक राजा और एक सैनिक का कार्य होता है जिसके भरोसे प्रजा बिना डर के बेझिझक रहते हैं। यह बातें धर्म नगरी आरंग में चल रही श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह के दौरान कथा आचार्य पंडित हिमांशु कृष्ण भारद्वाज जी ने कही।
भक्तों को कथा का रसपान कराते हुए बताया कि काम, क्रोध, लोभ, मोह, ये 4 ऐसी चीजें हैं जिससे मनुष्य के मन में विकार आता है। धर्मात्मा अजामिल जैसे विद्वान ब्राम्हण भी काम के वेग में फसकर एक दुष्ट चोर बन गया पर जब संतों की टोली उनके घर के सामने आई तब उन संतों की कृपा से उस अजामिल को अंत समय में भगवान का लोक प्राप्त हुआ।ये होते हैं संत जो भक्तों को भगवान तक पहुंचाने का मार्ग दिखा देते है।
सूर्यवंश संकल्प की और चंद्रवंश धर्म की साधना का बोध कराता है….
श्रीमद् भागवत महापुराण की कथा में परम पूज्य आचार्य पंडित हिमांशु कृष्ण भारद्वाज ने कथा में आगे बताया कि सूर्यवंश में भगवान राम ने जन्म लिया और संकल्प को कैसे पूरा किया जाता है। मर्यादा का पालन कैसे किया जाता है। बड़ों से कैसे आचरण किया जाता है। परिवार का पालन और परिवार धर्म को कैसे निभाया जाता है। यह हमें सूर्यवंश में भगवान राम से सीख मिलती है। वहीं उन्होंने आगे यह भी बताया कि चंद्रवंश में भगवान कृष्ण ने धर्म का बोध कराया। धर्म के लिए महाभारत की रचना हुई और धर्म की ध्वजा को लहराने के लिए भगवान कृष्ण खुद सारथी बने। इसलिए भगवान राम और भगवान कृष्ण भले ही अलग-अलग युग में आए हो पर उनका उद्देश्य भक्तों को धर्म के प्रति जागरूक बनाए रखने का ही रहा है। वैसे ही आज हमारी सनातन संस्कृति को भी तोड़ने में बहुत से लोग लगे हुए हैं। ऐसे में हमें भगवान राम और भगवान कृष्ण को याद करते हुए हमारी भारतीय संस्कृति को याद करते हुए, हिंदुओं को धर्म परिवर्तन कराने वालों का मुंह तोड़ जवाब देना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने की वेदराम मनहरे के धर्मकृत कार्य की तारीफ…….
श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह में पहुंचे प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने आयोजन स्थल से भक्तो विशाल संख्या को देखते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत महापुराण के संरक्षक वेदराम मनहरे का कार्य अद्भुत ही रहता है। उनका पिछला कार्यक्रम भी हमने देखा था और वर्तमान में धर्म नगरी में चल रहे श्रीमद् भागवत महापुराण में जिस तरह से आरंग क्षेत्र के साथ आसपास की जनता की जो भीड़ है। भक्तों में भगवान के प्रति जो आस्था है जो ललक है वह तारीफ के लायक है। मंगल कलश यात्रा मे 11000 से भी अधिक माताओं और बहनों का साथ वेदराम मनहरे को मिला और सभी समाजों को साथ लेकर जिस तरह से आयोजन कर रहे हैं निश्चित ही यह अद्भुत आयोजन धर्म नगरी आरंग क्षेत्र के लिए है। आयोजन के लिए उन्हें बहुत-बहुत बधाई एवं साधुवाद दीया।
भगवान राम और भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव में झूमते रहे भक्त…..
श्रीमद् भागवत कथा के दौरान बुधवार को भगवान राम और भगवान कृष्ण का जन्म उत्सव हुआ इस दौरान कृष्ण जन्मोत्सव में जीवंत झांकी निकाली गई जीवंत झांकी को देखने के लिए भक्तों में उत्साह नजर आया साथ ही भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के अवसर पर भक्त खुशी में गदगद होकर झूमते नजर आए कथा स्थल के चारों तरफ माताएं बहने और आए हुए भक्तजन उत्साह के साथ खुशी के साथ अपने स्थान पर भाव विभोर होकर मंगल गान कर रहे थे। इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री और वहां पहुंचे हुए अतिथियों ने श्रीमद् गवत महापुराण की आरती में भीभाग लिया।।
कार्यक्रम के अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, पूर्व संसदीय सचिव सियाराम साहू, ग्रामीण जिला अध्यक्ष अभिनेश बॉबी कश्यप, रायपुर जिला के सह प्रभारी प्रहलाद रजक,
भाजपा के वरिष्ठ नेता अशोक बजाज, आरंग विधानसभा के प्रभारी अनिल पांडे, ग्रामीण महामंत्री श्याम नारंग, चंद्रहास चंद्राकर, रानी पटेल, सरपंच और आरंग जनपद के जनप्रतिनिधि गण के साथ मुख्य यजमान के रूप में सुशीला वेदराम मनहरे, सरस्वती परसराम साहू, संगीता मुन्ना लाल सोनी, उमेश्वरी दिलीप जलछत्री, वेद कुमारी अविनाश साहू, गीतिका राजेश साहू, रुकमणी चेतन साहू, शंकर लाल सोनकर के साथ हजारों की तादात में भक्तों की उपस्थिति रही।