अगर चाहते है ठंडियों में जबरदस्त एनर्जी, तो जरूर करें इन भाजियों का सेवन, बीमारियां रहेंगी कोसो दूर…
सर्दियों के आते ही तरह-तरह की बीमारियां भी आने लगती है कई लोगों को सर दिया सूट नहीं करती और उन्हें जल्दी बीमार कर देती है जिसके कारण शरीर में कई तरह की बीमारियां उत्पन्न होने लगती है लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसी ऐसी भाजियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे ठंडी में खाने से आप बीमारियों से दूर रह सकते हैं हमें यह तो पता होता है कि ठंडी में मूली गाजर शलजम चुकंदर आदि का सेवन करना चाहिए लेकिन क्या आपको पता है ठंडी में अगर भाइयों का भी सेवन किया जाए तो आप का सेहत काफी तंदुरुस्त हो सकता है और आप कई तरह की होने वाली बीमारियों से भी बच सकते हैं तो आइए जानते हैं कौन सी है यह भजियां-
1. पालक- सर्दियों में पालक खाने के बहुत सारे फायदे हैं। इसमें भरपूर आयरन होता है जिससे खून की कमी दूर होती है। इसाथ ही इसमें विटामिन ए, बी, सी कैल्शियम, एमिनो और फोलिक एसिड भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। पालक की सब्जी बनाकर खाएं या इसका ज्यूस बनाकर पिएं यह दोनों ही फायदेमंद है। इसे कच्चा भी खा सकते हैं।
2. चौलाई- यह हरी पत्तेदार सब्जी है जिसके डंठल और पत्तों में प्रोटीन, विटामिन ए और खनिज की प्रचुर मात्रा होती है। चौलाई में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन-ए, मिनरल्स और आयरन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इस सब्जी को खाने से आपके पेट और कब्ज संबंधी किसी भी प्रकार के रोग में लाभ मिलेगा। चौलाई की सब्जी का नियमित सेवन करने से वात, रक्त व त्वचा विकार दूर होते हैं।चौलाई को खाने से आंतरिक रक्तस्राव बंद हो जाता है। यह सब्जी खूनी बवासीर, चर्मरोग, गर्भ गिरना, पथरी रोग और पेशाब में जलन जैसे रोग में बहुत ही लाभदायक सिद्ध हुई है।
3. कोझियारी भाजी- कोझियारी भाजी की भाजी साल में दो तीन बार जरूर खाएं। इससे खाने से हर तरह के रोग दूर हो जाते हैं। अधिकतर आदिवासी इस भाजी को खाते हैं। माना जाता है कि इसे खाने वाला कभी बीमार नहीं पड़ता। छत्तीसगढ़ के बैगा आदिवासी लोग इस भाजी को खाकर हमेशा स्वस्थ और तंदुरुस्त बने रहते हैं। बैगा आदिवासी मानते हैं कि जंगलों में पाई जाने वाली कोझियारी भाजी को साल में एक बार जरूर खाना चाहिए। कोझियारी भाजी यानी जंगल में होने वाली सफेद मूसली का पत्ता। ये सभी जानते हैं कि सफेद मूसली शक्तिवर्धक औषधि है।
4. बथुआ- बथुए में लोहा, पारा, सोना और क्षार पाया जाता है। बथुए में आयरन प्रचुर मात्रा में होता है। बथुआ न सिर्फ पाचनशक्ति बढ़ाता बल्कि अन्य कई बीमारियों से भी छुटकारा दिलाता है। सर्दियों में इसका सेवन कई बीमारियों को दूर रखने में मदद करता है। यह शाक प्रतिदिन खाने से गुर्दों में पथरी नहीं होती। कब्ज और पेटरोग के लिए तो यह रामबाण है। बथुआ आमाशय को बलवान बनाता है, गर्मी से बढ़े हुए यकृत को ठीक करता है। इसकी प्रकृति तर और ठंडी होती है तथा यह अधिकतर गेहूं के खेत में गेहूं के साथ उगता है और जब गेहूं बोया जाता है, उसी सीजन में मिलता है।
5. ताजा हरा लहसुन- जैसे हरा प्याज होता है, उसी तरह हरा लहसुन होता है। प्याज के लंबे पत्तों की तरह लहसुन के पत्ते भी लंबे होते हैं। इनको काटकर सब्जी बनाई जाती है, जैसे मूली के पत्तों की सब्जी बनाई जाती है उसी तरह। इसका स्वाद बढ़ाने के लिए लहसुन के पत्तों को किसी अन्य सब्जी जैसे गोभी या आलू के साथ मिलाकर भी बना सकते हैं। यह सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है। इसकी सब्जी हृदय रोग और कैंसर जैसे रोग को नहीं होने देती है। यह इम्युन पावर भी बढ़ाती
6. मेथी- मेथी से आपको प्रोटीन, आयरन, फाइबर, पोटेशियम, विटामिन सी, नियासिन के अलावा मैग्नीशियम, सोडियम, फोलिक एसिड, कॉपर, जिंक आदि पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मिलते हैं। इससे आप हाई ब्लडप्रेशर, डायबिटीज, अपच एवं पेट की समस्याओं से बचे रहेंगे और सेहत एवं खूबसूरती से जुड़े फायदे पाएंगे।
7 सरसों- सरसों का साग तो सर्दियों में गजब का स्वाद और फायदे देता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, पोटेशियम, फैट, शुगर, फाइबर, आयरन विटामिन ए, सी, डी, बी 12, मैग्नीशियम, और कैल्शियम के साथ ही एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा होता है। यह आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ ही पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है और कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।