छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड की बड़ी पहल…कल होगा कल कर्मा एथनिक रिसॉर्ट और जोहार हाईवे मोटल का लोकार्पण

रायपुर छत्तीसगढ़ राज्य पर्यटन की दृष्टि से एक समृद्ध राज्य है। यहाँ वो सारी विशेषताएँ उपलब्ध हैं जिसमें एक पर्यटक की रूचि होती है। हमारा राज्य धार्मिक, पुरातात्विक, प्राकृतिक स्थलों से परिपूर्ण है। आदिवासी एवं जनजातीय संस्कृति इस राज्य की पहचान है। पर्यटक अब सामान्य पर्यटन के साथ स्थानीय संस्कृति को भी निकट से देखने एवं उनकी विशेषताओं को समझने में रूचि लेते हैं। हमारे प्रदेश के उत्तर में सीतामढ़ी हरचौका से लेकर दक्षिण में कोण्टा तक विभिन्न जनजातीय समुदाय निवास करते हैं जिनकी जीवनशैली एवं संस्कृति अपने आप में विशिष्ट है।

 

भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने विभिन्न थीमों पर आधारित पर्यटन विकास की स्वदेश दर्शन योजना वर्ष 2015-16 में प्रारंभ की थी, जिसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में यहाँ की आदिवासी/जनजातीय एवं ग्रामीण संस्कृति से पर्यटकों को परिचित कराने के उद्देश्य से वर्ष 2016 में ‘‘ट्रायबल टूरिज्म सर्किट‘‘ की परियोजना स्वीकृत की गयी। इसकी कुल लागत रूपये 94 करोड़ 23 लाख है

इस परियोजना में प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों के पर्यटन स्थलों को शामिल किया गया है। इस सर्किट में ‘‘जशपुर – कुनकुरी – मैनपाट – कमलेश्वरपुर (मैनपाट) – महेशपुर – कुरदर – सरोधा दादर – गंगरेल – नथियानवागांव – कोण्डागांव – जगदलपुर – चित्रकोट – तीरथगढ़‘‘ कुल 13 डेस्टीनेशन्स को विकसित किया गया है।

इस परियोजना के ‘‘ट्रायबल टूरिज्म सर्किट‘‘ के अंतर्गत कमलेश्वरपुर (मैनपाट) में ‘‘ईको एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन‘‘ के रूप में ‘‘करमा एथनिक रिसॉर्ट‘‘ विकसित किया गया है। यह रिसॉर्ट सरगुजा क्षेत्र के ग्रामीण परिवेश की थीम पर राशि रू. 21 करोड़ 37 लाख की लागत से तैयार किया गया है। राज्य सरकार के द्वारा इस परियोजना के लिये कमलेश्वरपुर में 46 एकड़ भूमि उपलब्ध करायी गयी थी।

‘‘करमा एथनिक रिसॉर्ट‘‘ कमलेश्वरपुर (मैनपाट) में निम्नलिखित सुविधाओं का निर्माण किया गया हैः- टूरिस्ट रिसेप्शन एवं सुविधा केंद्र, आर्टिज़न हट्स 20 कक्ष (क्राफ्ट एवं हर्बल हाट – आर्टिसन सेंटर), कैफेटेरिया, ओपन एम्फीथिएटर, सोवेनियर शॉप 4 नग, ट्रायबल इंटरप्रिटेशन सेंटर, ट्रायबल वर्कशाप सेंटर, 2 इलेक्ट्रिक व्हीकल (8 सीटर), इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन, सायकल ट्रैक (प्रकाशीकरण सहित), सोलर प्रकाशीकरण, पार्किंग, प्रवेश द्वार 1 नग, चेन लिंक फेंसिंग, टेंट प्लेट फार्म 5 नग, टायलेट (टूरिस्ट अमेनिटी सेंटर) 2 नग, डे शेल्टर, पगोड़ा 2 नग, ओवर हेड टैंक 4 नग, सीसी रोड/पाथवे, संपवेल एवं सेप्टिक टैंक, बोरवेल वाटर सप्लाई पाईप लाईन, पम्प हाऊस, लैंड स्केपिंग, साईनेजेस, गार्ड रूम 2, ड्रेनेज, सालिड वेस्ट मैंनेजमेंट (डस्टबिन, ट्राली, पिट), ईको कुकिंग स्पाट 1 नग, वॉक वे एवं रेलिंग, ब्रीज ऑन पाथ वे, लास्ट माईल कनेक्टिविटी।

’’सोनतराई मोटल, सीतापुर’’ में सुविधाएं बढ़ी

इस योजना के परिचालन से मैनपाट में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, पर्यटकों को रूकने के लिये अन्य आवास सुविधा के साथ ग्रामीण परिवेश में रूकने का अतिरिक्त विकल्प उपलब्ध होगा, स्थानीय लोगों को रोजगार एवं आय के अतिरिक्त स्रोत उपलब्ध होंगे, यहाँ स्थानीय लोगों एवं हस्तशिल्प कलाकारों के साथ पर्यटकों को हस्तशिल्प प्रशिक्षण दिया जा सकेगा, स्थानीय तिब्बतन संस्कृति से भी पर्यटक परिचित होंगे जिससे उनके द्वारा निर्मित प्रॉडक्ट्स का विक्रय बढ़ेगा, स्थानीय हस्तशिल्प, वनउपज/हर्बल प्रॉडक्ट का विक्रय के लिये सोवेनियर शॉप्स में स्थान उपलब्ध होगा, व्यावसायिक दृष्टि से कांफ्रेंस सुविधा उपलब्ध हो सकेगी, मैनपाट में भविष्य में होमस्टे को बढ़ावा मिलेगा एवं अन्य पर्यटन गतिविधियों में भी बढ़ोतरी होगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button