आरंग

नगर पालिका आरंग मोबाइल टावर कंपनी पर मेहरबान

आरंग। नगर पालिका सीमा क्षेत्र में मोबाइल कंपनियों द्वारा पिछले लगभग 10 – 11 वर्षों से टावर स्थापित किया गया है लेकिन नगर पालिका ने उक्त कंपनियों का लाखों रुपए का राजस्व शुल्क राशि अभी तक वसूल नहीं कर पाया।

नगर पालिका सीमा क्षेत्र में ध्रुव कुमार शुक्ला के निजी भूमि पर वोडाफोन एस्सार मोबाइल कंपनी ने वर्ष 2009 से तथा व्योम नेटवर्क लिमिटेड ने वर्ष 2011 से अपना मोबाइल नेटवर्क का टावर स्थापित किया है।

सूचना के अधिकार के तहत जानकारी प्राप्त कर नगर के युवा रमेश कुमार पटेल ने सोमवार को रायपुर कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत किया है जिसमें उन्होंने जानकारी दिया है कि व्योम नेटवर्क लिमिटेड द्वारा नगर पालिका परिषद आरंग में 6 जुलाई 2011 को ₹500 शुल्क जमा कर टावर लगाने का आवेदन जमा किया था टावर लगाने के बाद उक्त कंपनी ने वर्षों तक नगर पालिका को किसी तरह का वार्षिक राजस्व शुल्क जमा नहीं किया। नगर पालिका द्वारा 8 वर्ष बाद 30 मार्च 2019 को वार्षिक नवीनीकरण का ₹55000 राशि जमा करने का उक्त कंपनी को नोटिस जारी किया गया जिस पर कंपनी द्वारा मात्र ₹25000 जमा किए जाने की जानकारी निकाय द्वारा दिया गया है। वर्ष 2019 से 2022 तक का शुल्क राशि भी जमा कंपनी द्वारा नहीं किया गया है।

इसी प्रकार वोडाफोन एस्सार लिमिटेड कंपनी ने 21 जनवरी 2009 को नगर पालिका आरंग में टावर लगाने आवेदन शुल्क ₹51 जमा कर किया था उक्त आवेदन के 1 वर्ष बाद नगर पालिका आरंग ने कंपनी को दस्तावेज प्रस्तुत करने पत्र जारी किया तब तक वोडाफोन एस्सार कंपनी ने निजी भूमि मालिक के भूमि पर अवैध रूप से अपना टावर स्थापित कर लिया। नगर पालिका ने टावर स्थापित हो जाने के एक वर्ष बाद भूमि स्वामी तथा वोडाफोन एस्सार कंपनी को निकाय से स्वीकृति प्राप्त किए बगैर अवैध रूप से टावर स्थापित करने का नोटिस देकर 11 वर्ष तक भूल गया या भुला दिया गया? 11 वर्षों तक टावर स्थापित रहा फिर कंपनी ने अपना टावर हटा लिया नगरपालिका का राजस्व शुल्क ₹70000 का राशि भी हजम कर गया।

यही नगरपालिका है जो नगर का कोई गरीब मजदूर नल पानी का कर शुल्क जमा नहीं कर पाता है तो नोटिस के ऊपर नोटिस देकर डराया जाता है तथा शुल्क जमा नहीं होने की स्थिति में कनेक्शन काट दिया जाता है। नगर में और भी कई मोबाइल कंपनियों का टावर स्थापित है उनका भी शायद यही हाल होगा मोबाइल कंपनियों पर मेहरबान नगर पालिका परिषद ने अपना लाखों का राजस्व शुल्क खो दिया है। अब देखना है कि कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत के बाद निकाय को लाखों की राजस्व की क्षति की भरपाई किस तरह होता है तथा इसके लिए जिम्मेदार कौन है? क्या इस प्रकरण में जांच कर दोषियों के ऊपर कार्यवाही करते हुए राजस्व राशि की वसूली हो पाएगा।

 

 

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