दंतेवाड़ा

आखिर क्यों IAS NIA को कोर्ट में होना पड़ा पेश, जान पूरा मामला

दंतेवाड़ा IAS एलेक्स पॉल मेनन दंतेवाड़ा कोर्ट में पेश हुए। खुद के अपहरण मामले में आईएएस एलेक्स पॉल मेनन बतौर गवाह कोर्ट में पेश हुए। इस दौरान उन्होंने आरोपी नक्सलियों को पहचानने से इंकार कर दिया।

आपको बता दें कि साल 2012 में 21 अप्रैल को सुकमा जिले के बतौर कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन का अपहरण हुआ था। नक्सलियों ने कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन का अपहरण किया था। इस दौरान हुई गोलीबारी में कलेक्टर के 2 सुरक्षाकर्मी की मौत हुई हुई थी। मामले के अभियुक्त हेमला भीमा उर्फ किशन को आईएएस ने पहचानने से इंकार कर दिया। आपको बता दें कि NIA न्यायाधीश दीपक कुमार दशहरे की कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हो रही है।

क्या हुआ था 21 अप्रैल 2012 को…..

21 अप्रैल 2012 की शाम भारतीय समयानुसार लगभग पाँच बजे ये घटना सुकमा के केरलापाल इलाके में मांझीपाड़ा में घटी। उस समय प्रशासनिक अधिकारी ‘ग्राम सुराज अभियान’ के तहत वहाँ मौजूद थे.

हर साल होने वाले ग्राम सुराज अभियान के तहत राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह और प्रशासनिक अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा करते हैं और ग्रामीणों की समस्याओं के बारे में जानते हैं। कलेक्टर ग्रामीणों से बात कर रहे थे जब एक नक्सलवादी सभा में पहुँच गया और वहां पर मौजूद कलेक्टर के एक अंगरक्षक का गला रेत दिया. जवाबी कारवाई में सुरक्षा बलों ने गोली चलाई और उसे मार दिया लेकिन इसी बीच नक्सालियों का एक बड़ा दल घटनास्थल पर पहुँचा.

नक्सलियों नें गोलियां चलाईं और एक या दो पुलिसकर्मियों को गोलियाँ लगी जिससे एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई।”मांझीपाड़ा में सभा के दौरान नक्सलियों ने अचानक हमला बोल दिया. वहाँ 15-20 नक्सली थे. अफरा-तफरी मच गई, गोलीबारी हुई. फिर वे पूछने लगे – ‘कलेक्टर कौन है?’ कलेक्टर साहब ने कहा, मैं हूं कलेक्टर, जिसके बाद कलेक्टर को नक्सली अपने साथ ले गए।

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