आरक्षण संसोधन विधेयक के मुद्दे पर हाईकोर्ट के नोटिस पर राज्यपाल सचिवालय को नहीं देना होगा जवाब
रायपुर । आरक्षण संसोधन विधेयक के मुद्दे पर हाईकोर्ट के नोटिस पर राज्यपाल सचिवालय जवाब नही देगा। राजभवन की ओर से स्पष्ट किये गये इस जवाब के बाद एक बार फिर आरक्षण का मुद्दा गरमा गया हैं। आपको बता दे कि आरक्षण संसोधन विधेयक पर हस्ताक्षर नही किये जाने पर याचिका दायर की गयी थी। जिस पर हाईकोर्ट ने राज्यपाल सचिवालय को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह में जवाब मांगा गया था।
गौरतलब हैं कि छत्तीसगढ़ में आरक्षण संसोधन विधेयक 2022 में राज्यपाल के हस्ताक्षर नही करने पर राजनीति गरमायी हुई हैं। राज्य शासन ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने बिलासपुर हाईकोर्ट में आकर अपनी दलील पेश की थी। हाईकोर्ट में वकीलों का दलील सुनने के बाद जस्टिस रजनी दुबे की सिंगल बेंच ने राज्यपाल सचिवालय को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह में जवाब मांगा गया था।
हाईकोर्ट की इस नोटिस के बाद अब राज्यपाल सचिवालय ने हाईकोर्ट की नोटिस का जवाब नही देने की जानकारी दी हैं। राजभवन से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया हैं कि राष्ट्पति या राज्यपाल को सीधे नोटिस जारी करने पर पूरी तरह रोक हैं। वे किसी न्यायालय के प्रति जवाबदेह नही हैं। साथ ही यह अवश्य हैं कि राज्यपाल के किसी कार्य को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती हैं। लेकिन ऐसी याचिका पर बचाव राज्य या केंद्र सरकार को ही करना चाहिए।