छत्तीसगढ़ में मोबाइल नेटवर्क की स्थिति पर गौर करें तो अभी भी 1200 गांवों में मोबाइल नेटवर्क नहीं
रायपुर : छत्तीसगढ़ में मोबाइल नेटवर्क की स्थिति पर गौर करें तो अभी भी 1200 गांवों में मोबाइल नेटवर्क नहीं है। प्रदेश में 19567 गांवों में 18367 गांवों तक ही मोबाइल नेटवर्क पहुंचाया जा सका है। छत्तीसगढ़ में जिस तेजी से उपभोक्ताओं की संख्या में विस्तार हुआ है। उस तेजी से मोबाइल नेटवर्क का जाल नहीं बिछाया जा सका। प्रदेश के आदिवासी और सुदुर अंचलों की स्थिति यह है कि लोगों के पास 4जी हैंडसेट्स तो हैं, लेकिन 4जी नेटवर्क नहीं होने की स्थिति में इंटरनेट सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है।
आदिवासी अंचलों की स्थिति ज्यादा खराब है। छत्तीसगढ़ के गांवों में मोबाइल नेटवर्क के तेजी से विस्तार के लिए केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों के बाद भी अभी तक सभी गांवों में नेटवर्क स्थापित नहीं किया जा सका है। इसकी वजह से संचार व्यवस्था और सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक सही समय पर पहुंचाने में प्रशासनिक अमलों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
जिन गांवों में मोबाइल नेटवर्क नहीं पहुंचाया जा सका है, वहां पीएम वाणी योजना के जरिए भी 4जी सुविधा उपलब्ध कराने की कवायद चल रही है। केंद्र सरकार के दूरसंचार मंत्रालय की महत्वकांक्षी योजना के अंतर्गत पीएम वाणी योजना को स्वरोजगार की दृष्टि से भी देखा जा रहा है। इस योजना के तहत छतीसगढ़ के दूरस्थ और आदिवासी इलाके, जहां मोबाइल टावर नहीं हैं, वहां भी अब लोगों को 4जी की इंटरनेट स्पीड मिल सकती है।
इस योजना के अंतर्गत एसटीडी, पीसीओ की तर्ज पर पब्लिक डेडा आफिस (पीडीओ) खोले जा रहे हैं। ताजा आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न् जिलों में 2796 पीएम वाणी सेंटर प्रारंभ हो चुके हैं। यह वाइफाइ नेटवर्क पर आधारित होगा, जहां पीएम वाणी सेंटर होगा। उसके 200 से 300 मीटर के आसपास यह इंटरनेट डेटा काम करेगा।
नक्सल प्रभावित जिलों में भौगोलिक समस्या
अधिकारियों का कहना है कि नक्सल प्रभावित जिलों में भौगोलिक समस्या की वजह से भी मोबाइल नेटवर्क स्थापित करने में अमले को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में बीएसएनएल से भी संपर्क साधा गया है।केंद्र सरकार ने बीते वर्ष छत्तीसगढ़ के गांवों में एक वर्ष के भीतर 1670 मोबाइल टावर लगाने के लिए 1445 करोड़ रुपये का बजट जारी किया था।