कम नींद ही नहीं ज्यादा सोने से भी होती हैं कई समस्याएं, जानें क्या?
सेहतमंद शरीर के लिए स्वस्थ आहार के साथ ही पर्याप्त नींद बेहद ज़रूरी हैं, आपने अक्सर सुना होगा कि हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए व्यक्ति को 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए, क्योंकि नींद पूरी न होने से व्यक्ति को कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि सिर्फ कम नींद ही नहीं, बल्कि जरूरत से ज्यादा सोना भी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। आज की इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे ज्यादा सोने से हमारे शरीर पर क्या हानिकारक प्रभाव पड़ता हैं।
ज्यादा सोने से होने वाले नुकसान –
मोटापा
अगर आप भी 8 या 9 घंटे से ज्यादा की नींद ले रहे हैं, तो इससे आप मोटापे का शिकार बन सकते हैं। दरअसल, जरूरत से ज्यादा सोने से शरीर की सभी एक्टिविटीज सुस्त होने लगती है, जिसका असर पाचन क्रिया पर भी पड़ता है और व्यक्ति मोटापे का शिकार होने लगता है। आगे चलकर यही मोटापा कई गंभीर बीमारियों की वजह बन सकता है। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि आप अपने सोने का सही समय तय करें
दिल की बीमारियां
ज्यादा सोने को लेकर की गई एक स्टडी में यह सामने आया है कि जो लोग जरूरत से ज्यादा सोते हैं, उन्हें हृदय संबंधी बीमारियां होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। एक शोध के मुताबिक 9 घंटे से ज्यादा सोने वाले लोगों में कोरोनरी हार्ट डिसीज होने की आशंका दोगुनी हो सकती है।
डायबिटीज
अगर आप भी तय समय से ज्यादा नींद से रहे हैं, तो इससे आपको डायबिटीज हो सकती है। दरअसल, ज्यादा देर तक सोने की वजह से शारीरिक गतिविधियां काफी कम हो जाती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ने का खतरा होता है। एक स्टडी में भी यह सामने आया है कि 9 घंटे से ज्यादा सोने पर ब्लड में शुगर की मात्रा अनियंत्रित हो सकती है।
पीठ दर्द
अगर आपको भी ज्यादा सोने की आदत है, तो आपको पीठ दर्द की शिकायत हो सकती है। आमतौर पर यह समस्या उन लोगों को ज्यादा होती है, तो घंटों कम्प्यूटर पर काम करने के बाद देर तक सोते हैं। ऐसे में लोगों को शारीरिक गतिविधियों के लिए समय नहीं मिल पाता, जिससे ब्लड का सर्कुलेशन ठीक से नहीं होता और दर्द की समस्या होने लगती है।
डिप्रेशन
ज्यादा देर तक सोने से न सिर्फ शारीरिक, बल्कि मानसिक रूप से भी कई समस्याएं होती हैं। दरअसल, जरूरत से ज्यादा सोने की वजह से सुस्ती और आलस बढ़ जाता है, जिसका असर दिमाग पर पड़ता है। ज्यादा देर तक सोने से उत्साह की कमी होने के साथ ही पॉजिटिविटी भी कम हो जाती है।