अगर पहनते है कछुए वाली अंगूठी, तो हो जाये सावधान, भूल कर भी न करे यह गलती
नई दिल्ली, हर इंसान चाहता है कि उसकी ज़िन्दगी खूबसूरत ही, उसके जीवन में किसी प्रकार कि कोई समस्या न हो, इसके लिए वह तरह-तरह के उपाय भी अपनाता है, जिसमे से एक है कछुए वाली अंगूठी, और यह ये तरीका बहुत पुराने समय से अपनाया जा रहा है, जिसमें सोने, चांदी और डायमंड को पहनना आम बात है. वहीं कुछ लोग अंगूठी को ज्योतिष और वास्तु (Vastu Shastra) के अनुसार पहनते हैं. माना जाता है कि इन्हें पहनने से जीवन में सुख एवं समृद्धि आती है, कारोबार या नौकरी में लाभ होता है और इनसे कुंडली में धन का योग भी बनता है. ज्योतिष के नियमों का पालन करके लोग अंगुठियों में पुखराज व अन्यों रत्नों को भी पहनते हैं, हालांकि इनमें ग्रहों का खास ध्यान रखा जाता है. वैसे आजकल लोग कछुआ रिंग भी पहनने लगे हैं, जिसका सीधा संबंध धन की देवी माता लक्ष्मी से माना जाता है. वास्तु शास्त्र के अलावा फेंगशुई शास्त्र में भी कछुए को धन और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है.
बिना पूछे वाले रिंग को पहनना
हर रत्न या कछुआ रिंग को पहनने से पहले ज्योतिष शास्त्र की समझ रखने वाले व्यक्ति से पहले जानकारी इकट्ठा कर लेनी चाहिए. कुंडली में ग्रहों की भूमिका या स्थान जानने के बाद कछुआ रिंग को पहनें. जातक कभी-कभी बिना सलाह के इस रिंग को डालने की भूल करते हैं और उन्हें धन की हानि होने लगती है. इसके अलावा ऐसे लोगों की तरक्की में बाधाएं आने लगती हैं. बिना सलाह के इसे पहनने की भूल न करें.
किसी भी दिन न खरीदें
लोग कछुआ रिंग को पहनते समय नियमों का पालन कर लेते हैं, लेकिन कब खरीदना चाहिए इसमें वे अक्सर भूल कर देते हैं. ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि इसे भी खास समय पर खरीदना चाहिए. शास्त्रों की मानें तो कछुआ रिंग को खरीदने के लिए शुक्रवार का दिन शुभ रहता है. दरअसल, शुक्रवार का दिन धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित होता है और कछुए का संबंध धन से माना जाता है. ऐसे में आपको इसी दिन इस रिंग को खरीदना चाहिए और पहनने से पहले सभी नियमों का पालन करना चाहिए.