#दतरेंगा गांव
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छत्तीसगढ़ में वर्मीकम्पोस्ट ने दिखाई महिलाओं को नई राह Vermicompost shows new path to women in Chhattisgarh रायपुर/रायपुर जिले के धरसीवां विकासखंड के दतरेंगा गांव की महिलाओं ने गोबर को वर्मीकम्पोस्ट में बदलने का हुनर सीखा है। इस हुनर सेे उन्हें रोजगार मिलने के साथ आमदनी भी मिलने लगी है। गांव के गौठान के समीप वर्मीकम्पोस्ट उत्पादन इकाई बनायी गयी है। यहां गांव की दौ सौ से भी ज्यादा गाय रहती है और उन्हें यहां छाया, पानी और भोजन मिलता है। गवला द्वारा उनके चराने का काम भी किया जाता है। इससे गौठानों में बढ़ी संख्या में गोबर मिलती है। पहले यह नाडेप स्ट्रक्चर के माध्यम से गोबर को खाद में बदलने का कार्य किया जाता था। अब वर्मीकम्पोस्ट उत्पादन का कार्य सीखने के उपरांत राधा स्व-सहायता समूह की महिलाएं केचुएं के माध्यम से उत्तम गुणवत्ता का जैविक खाद बना रही है। समूह की अध्यक्ष रेणुका सपाहा ने बताया कि निर्मित खाद को सोसायटी के माध्यम से किसानों और ग्रामीणों को बेचने का कार्य प्रारंभ हो गया है और महिलाओं को लाभ की भी राशि भी मिलने लगी है।
रायपुर। रायपुर जिले के धरसीवां विकासखंड के दतरेंगा गांव की महिलाओं ने गोबर को वर्मीकम्पोस्ट में बदलने का हुनर सीखा…
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