पंचायत सचिवों द्वारा शासकीय करण की मांग को लेकर उग्र आंदोलन की चेतावनी
रायपुर। छ. ग. पंचायत सचिवों द्वारा शासकीय करण की मांग को लेकर 7 मार्च को प्रदेश के सभी 28 जिला मुख्यालयों में जिला अध्यक्षों के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में वादा निभाओ रैली निकालकर ज्ञापन सौपेंगे, फिर भी मांग पूरा नहीं करने पर 9 मार्च से 10568 पंचायत सचिवों द्वारा विधानसभा का घेराव कर भूख हड़ताल पर बैठने की तैयारी में है।
ज्ञात हो कि 26 वर्षों से 10568 पंचायत सचिव अपनी सेवाएं दे रहे हैं , ग्रामीण अंचल में शासन के समस्त योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का कार्य जिम्मेदारी के साथ ईमानदारी पूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं , संगठन द्वारा अपनी लंबित मांग शासकीय करण के संबंध मैं दिनांक 26 दिसंबर 2020 से 23 जनवरी 2021 तक कुल 26 दिन शासन का ध्यानाकर्षण करने हेतु गांधीवादी तरीके से शांतिपूर्वक आंदोलन भी किया था |
पंचायत मंत्री टी एस सिंह देव के आश्वासन पश्चात 23 जनवरी 2021 को हड़ताल स्थगित कर 24 जनवरी 2021 को मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदेश पंचायत सचिव संगठन के प्रतिनिधि मंडल के साथ चर्चा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा माह दिसंबर 2021 में शासकीय करण का सौगात देने का वादा किया गया था किंतु मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा वादा किए गए समय के 2 माह बीत जाने के बाद भी हमें शासकीय करण के संबंध में कोई सकारात्मक पहल नहीं करने के कारण पंचायत सचिव संघ छत्तीसगढ़ द्वारा 7 मार्च 2022 को प्रदेश के सभी 28 जिला मुख्यालयों में जिला अध्यक्षों के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में वादा निभाओ रैली निकालकर कलेक्टर को मुख्यमंत्री, पंचायत मंत्री छत्तीसगढ़ शासन के नाम तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन एवं अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के नाम ज्ञापन सौंपेंगे, जिसमें जिला के सभी पंचायत सचिव उपस्थित रहेंगे इसके बाद भी मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा में सकारात्मक पहल कर हमारी मांग संस्करण को बजट में शामिल नहीं करते हैं तो 9 मार्च 2022 को प्रदेश की राजधानी रायपुर में प्रदेश पंचायत सचिव संघ के समस्त 10568 पंचायत सचिवों द्वारा विधानसभा का घेराव कर मुख्यमंत्री को हमारी 1 सूत्री मांग परीक्षा अवधि पश्चात शासकीय करण का ज्ञापन देकर जब तक हमारी शासकीय कारण का मांग पूरा नहीं करते तब तक छत्तीसगढ़ के समस्त पंचायत सचिव भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे ।शासन प्रशासन के प्रताड़ना एवं अत्यधिक काम के दबाव के कारण अक्टूबर 2020 से आज पर्यंत तक कुल 14 माह में 76 पंचायत सचिव का आकस्मिक निधन हो गया है। मृत पंचायत सचिवों में चार पंचायत सचिवों द्वारा आत्महत्या किया गया है उसके परिवार को शासन द्वारा किसी प्रकार का आर्थिक सहायता प्रदान नहीं किया गया है, आत्महत्या के लिए उकसाने वाले दोषी लोगों के विरुद्ध पुलिस विभाग द्वारा किसी भी प्रकार का कार्यवाही नहीं किया गया व अनुग्रह राशि 50 हजार की जगह पर केवल 25000 दिया गया है , जबकि छत्तीसगढ़ शासन वित्त एवं योजना विभाग मंत्रालय महानदी भवन रायपुर नवा रायपुर क्रमांक /72/एल 2014–71–00331/वि/नि चार नया रायपुर दिनांक 04 मार्च 2015 द्वारा जारी वित्त निर्देश 08 /15 के अनुसार अनुग्रह राशि 50000/- प्रदान किया जाना प्रावधानित है ।
संलग्न मृतक पंचायत सचिव सूची अनुसार मृतक पंचायत सचिव के आश्रित परिवार के सदस्यों को अंतर की राशि 25000 अनुग्रह राशि प्रदान किया जावे । लगभग 50 पंचायत सचिव जो सेवा अवधि पूर्ण कर सेवानिवृत्त हो गए हैं , पंचायत सचिवों का भर्ती नियम दिनांक 29.08.2008 के कंडिका क्रमांक 7 में पंचायत सचिवों की सेवाएं जिला संवर्ग की मानी गई है, लेकिन पंचायत सचिवों के सेवानिवृत्त पश्चात जिला संवर्ग के नियमित कर्मचारियों के अनुरूप अवकाश नकदीकरण एवं ग्रेच्युटी के रूप में आर्थिक सहयोग नहीं दिया जाता है। सभी सेवानिवृत्त हुए पंचायत सचिवों को नगदी करण एवं ग्रेजुएटी के रूप में आर्थिक सहयोग दिया जावे ।
छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत राज ( जिला पंचायत /जनपद पंचायत /ग्राम पंचायत ) व्यवस्था लागू है , पंचायत राज का आधार स्तंभ ग्राम पंचायत को माना गया है, किंतु जिला/ जनपद में कार्यरत कर्मचारी शासकीय सेवक है और पंचायती राज के आधार स्तंभ माने जाने वाले ग्राम पंचायतों में कार्यरत पंचायत सचिव आज 26 वर्ष की सेवा बीत जाने के बाद भी शासन द्वारा शासकीय करण नहीं किया गया है !
ज्ञात हो कि पंचायत सचिव 29 विभागों के 200 प्रकार के कार्य को जमीनी स्तर तक जिम्मेदारी के साथ ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करते हुए राज्य शासन एवं केंद्र शासन के समस्त योजनाओं को लोकतंत्र के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का अति महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम देते हैं !
वर्तमान वैश्विक महामारी कोविड-19 में ग्रामीण जन की सुरक्षा हेतु कोविड से संबंधित सभी प्रकार के कार्य कोविड टेस्ट , कोविड टीकाकरण इत्यादि महत्वपूर्ण कार्य को सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है ! पंचायत सचिव के मेहनत के परिणाम है कि पूरे छत्तीसगढ़ में टीकाकरण कार्य 100% लक्ष्य की प्राप्ति की ओर अग्रसर है !
छत्तीसगढ़ शासन की अति महत्वकांक्षी योजना एवं सभी न्याय योजना जैसे नरवा गरवा घुरुवा अउ बाड़ी के तहत ग्राम गौठान निर्माण, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना एवं मनरेगा के कार्यों का जिम्मेदारी पूर्वक निर्वहन कर रहे हैं ।
शासन प्रशासन के दिशा निर्देश एवं पंचायत सचिवों के कड़ी मेहनत तथा कार्य के प्रति लगन एवं सच्ची निष्ठा का ही परिणाम है कि छत्तीसगढ़ शासन को राष्ट्रीय पंचायत दिवस के अवसर पर 12 राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जाना इस बात का प्रमाण है ।
वहीं पंचायत सचिवों को शासकीय करण करने हेतु छत्तीसगढ़ प्रदेश के 75 विधायक गण द्वारा अनुशंसा कर मुख्यमंत्री को अग्रेषित किया भी गया है ।
किंतु पंचायत सचिव को कार्य करते हुए 25 वर्ष से अधिक समय हो गया है ,पंचायत सचिवों के साथ नियुक्त हुए अन्य विभाग के कर्मचारी जैसे शिक्षाकर्मी , वन कर्मी एवं पीडब्ल्यूडी कर्मी को शासकीय करण किया जा चुका है , कई विभाग के कर्मचारी भृत्य/ चौकीदार भी प्रमोशन पाकर सहायक ग्रेड 3 बन गए हैं
उल्लेखनीय हैं कि पंचायत सचिवों को शासकीय करण करने से शासन प्रशासन को मासिक वित्तीय भार 6.27 करोड़ , वार्षिक वित्तीय भार लगभग 75 करोड आएगा जो कि नहीं के बराबर है ।
ज्ञात हो कि 15 वर्ष सेवा अवधि पूर्ण कर चुके 5685 पंचायत सचिवों को 5200–20200 ग्रेड पे 2400 शासकीय सेवकों के समान वेतनमान मिल रहा है । अन्य सुविधा नहीं मिल रहा है ।
उपरोक्त परिस्थितियों को देखते हुए तुलसी राम साहू प्रदेश अध्यक्ष प्रदेश पंचायत सचिव संगठन छत्तीसगढ़ द्वारा
पंचायत सचिवों के प्रति सहानुभूति प्रकट करते हुए अविलंब शासकीय करण की किया जावे ।