
रायगढ़। पुसौर थाना क्षेत्र के संवरा पारा में हुई मां-बेटी की हत्या को लेकर पुलिस महानिरीक्षक संजीव शुक्ला, आईजीपी बिलासपुर रेंज, बिलासपुर द्वारा एसपी रायगढ़ दिव्यांग पटेल को घटना के शीघ्र पटाक्षेप के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये थे, पुलिस ने अंधे कत्ल की गुत्थी को मात्र 48 घंटों में सुलझाकर सनसनीखेज खुलासा किया है। घटना के बाद से पुलिस की मुस्तैदी और तेज कार्रवाई ने न सिर्फ आरोपी को गिरफ्तार किया, बल्कि पूरे घटनाक्रम की कड़ियों को तकनीकी और वैज्ञानिक जांच से जोड़कर अदालत के लिए मजबूत सबूत भी जुटा लिए हैं।
15 अप्रैल 2025 को पुसौर के संवरा पारा में भरत घोबा के निर्माणाधीन मकान के मलबे में पड़ोस की महिला उर्मिला संवरा और उसकी बेटी पूर्णिमा संवरा का शव मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी। सूचना मिलते ही एसपी दिव्यांग पटेल,पुलिस अधिकारियों एवं फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वॉड मौके पर पहुंच गए। घटना की सूचना पर पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज संजीव शुक्ला भी घटनास्थल पहुंचे और पूरे मामले की गंभीरता से जांच के निर्देश दिए।
जांच को कई टीमों में बांटते हुए सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल्स और तकनीकी पहलुओं पर तेजी से काम शुरू किया गया। घटना के संबंध में थाना पुसौर में अज्ञात आरोपी के खिलाफ हत्या और सबूत मिटाने की धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कर जांच शुरू हुई। पुलिस को कुछ अहम सुराग हाथ लगे और संदेह की कड़ी मृतिका के घर के पास किराना दुकान चलाने वाले शुभम सेठ तक पहुंची।
पूछताछ में शुभम ने न केवल अपना अपराध स्वीकारा बल्कि हत्या की पूरी योजना और क्रियान्वयन का चौंकाने वाला विवरण भी दिया।आरोपी शुभम सेठ ने बताया कि, कुछ दिनों से दोनों के बीच आपसी विवाद चल रहा था जिससे शुभम ने उसकी हत्या की योजना बनाई। 14 अप्रैल की रात वह लकड़ी के खुरे के साथ घर से निकला, छत के रास्ते पूर्णिमा के घर में घुसा और सोती हुई पूर्णिमा पर ताबड़तोड़ वार किए। बीच-बचाव में जागी मां उर्मिला पर लकड़ी का खुरा और क्रिकेट के बैट से हमला कर दोनों की हत्या कर दी।
इसके बाद शवों को निर्माणाधीन मकान में ईंट से ढंककर छिपा दिया और कमरे, सीढ़ी पर लगे खून को पानी से साफ कर खुद जनशताब्दी ट्रेन से रायपुर भाग गया। पुलिस ने आरोपी के मेमोरेंडम पर खून से सने कपड़े, हत्या में प्रयुक्त खुरा, बैट और अन्य महत्वपूर्ण सबूत जब्त किए हैं। वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में पुलिस की यह त्वरित और ठोस कार्रवाई एक बड़ी उपलब्धि के रूप में सामने आई है।