
शराब की लत कोरेक्स से बुझा रहे नशेड़ी। प्रतिमाह कोरेक्स व अन्य नशीली दवाओं की करोड़ों की बिक्री। बिना चिकित्सक की पर्ची के ऊंची कीमत पर बिक रही सिरप। इस दवा के ज्यादातर सेवन से लोगों को परेशानी हो रही है।
ज्यों-ज्यों शराब पर कड़ाई बढ़ रही है, त्यों-त्यों नशेड़ी अलग-अलग तरह के विकल्प खोज रहे हैं। इन्हीं विकल्पों में कोरेक्स समेत अन्य नशीली दवा का इस्तेमाल किया जा रहा है। कोरेक्स शराब से भी अधिक और जानलेवा है। कोरेक्स को एनडीपीएस एक्ट के तहत खुलेआम बिक्री से प्रतिबंधित किया गया है।
कानून के प्रविधान के तहत बिना चिकित्सक की पर्ची के इसे बेचने पर 20 साल की सजा है।
बावजूद, पिछले एक दशक में एक भी ऐसा मामला सामने नहीं आया कि इस मामले में किसी को सजा सुनाई गई हो। अधिसंख्य पुलिस, उत्पाद और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी यह नहीं जानते कि यह दवा एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रतिबंधित है। 100 मिलीलीटर दवा की कीमत 126 रुपये है। यह दवा बाजार में 200 से 300 रुपये तक नशेडिय़ों को बेची जाती है। अधिक मुनाफा के लालच में दवा विक्रेता बिना चिकित्सक के पर्ची के ही इसे बेच देते हैं। यह कानूनन अपराध है। थोक विक्रेता भी कच्चे बिल पर माल की आपूर्ति कर देते हैं। हैरानी की बात तो यह है कि मोबाइल रिपेयरिंग सेंटर, किराना और यहां तक की पान की दुकान पर भी यह दवा मिल जाती है।
पहले कोरेक्स की तस्करी सड़क मार्ग द्वारा की जाती है। राजीव गाँधी चौक पर कई हजार से अधिक कोरेक्स की बोतलें बरामद की गईं। अभी खुले आम बस स्टेण्ड और चौक मे भी बिक रहा है