
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी का चुनावी वादा कर पहली बार सत्तासीन होने वाली रमन सरकार ने अपने लगातार तीन कार्यकालों में इस दिशा में कुछ सकारात्मक कदम उठाये जिसे बदलने का साहस भूपेश सरकार भी नहीं कर पाया पर सत्ता में वापस लौटे भाजपा के सत्तारूढ़ साय कैबिनेट ने पूर्ववर्ती रमन सरकार के शराबबंदी के वादे को पूर्ण करने की दिशा में आगे न बढ़ प्रदेश में 67 नयी शराब दूकाने खोलने का निर्णय ले आम मतदाताओं को अचंभित व आक्रोशित कर दिया है।
नयी शराब दूकानें खोलने प्रस्तावित ग्रामों में से कतिपय ग्रामों व उससे प्रभावित होने वाले आसपास के ग्रामों का दौरा कर आमजनों से चर्चा के बाद यह जानकारी देते हुये शराब विरोधी मुहिम में जुटे किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेंद्र शर्मा ने ग्रामीणों से मिले प्रतिक्रिया के हवाले से कहा है कि शराबबंदी के दिशा में आगे बढ़ने की इच्छा यदि साय कैबिनेट की नहीं थी तो कम से कम यथास्थिति बनाये रखते । श्री शर्मा ने छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद पहली बार सत्तारूढ़ हुये रमन सरकार द्वारा किये गये पूर्ण शराबबंदी के वादे को कतिपय जाने – अनजाने कारणों से पूर्ण न कर पाने पर अपने दूसरे कार्यकाल में चरणबद्ध तरीके से शराबबंदी करने का वादा कर शराब दूकानों को क्रमिक रूप से बंद करने का उल्लेखनीय कार्य किया व तीसरे कार्यकाल में राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित शराब दूकानों को हटवा अंदरूनी इलाकों में भी स्थानांतरित कराने का साहसिक कार्य प्राप्त होने वाले राजस्व की कीमत पर किया । रमन सरकार की विदाई करने वाले भूपेश सरकार ने भी जनमानस को देखते हुये नयी शराब दूकाने खोलने का साहस न दिखा सिर्फ रमन सरकार द्वारा अंदरूनी इलाकों में स्थानांतरित किये गये शराब दूकानों को पुनः राजमार्गों में लाने की कार्यवाही करने तक ही अपने आप को सीमित रखा लेकिन वर्तमान सरकार ने तो अपने ही पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा शराबबंदी के लिये किये गये प्रयासों को धता बता 67 नयी शराब दूकाने खोलने का निर्णय ले मतदाताओं को अचंभित व आक्रोशित कर दिया है व जगह – जगह इस निर्णय का विरोध भी शुरू हो गया है । जनमानस की भावनाओं से प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री सहित आर एस एस प्रमुख को अवगत कराने शीघ्र ही पत्र लिखने की भी जानकारी उन्होंने दी है ।