पहली बार जी-20 का मेजबानी करेगा भारत, किए गए काफी जोर-शोर से तैयारियां

नई दिल्ली। जी-20 की 18वीं समिट 9 और 10 सितंबर को देश की राजधानी दिल्ली में होने जा रही है। इस साल भारत पहली बार जी-20 की मेजबानी करने जा रहा है। इसके लिए काफी जोर-शोर से तैयारियां की गई हैं। वहीं 18 से 19 सितंबर को छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर में जी-20 सम्मेलन होना है
बता दें कि ग्लोबल इकोनॉमी में करीब 80 फीसदी से ज्यादा का प्रतिनिधित्व करने वाले जी-20 की अध्यक्षता करना भारत के लिए एक बड़ा मौका है। जी-20 के सदस्य देशों में भारत के अलावा फ्रांस, चीन, कनाडा, ब्राजील, आस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, अमेरिका, यूके, तुर्की, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, रूस, मैक्सिको, जापान, इटली, इंडोनेशिया तथा 20वें सदस्य के तौर पर यूरोपीय संघ शामिल है। जी-20 की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक वैश्विक व्यापार में भी ये संगठन 80 फीसदी की हिस्सेदारी रखता है और करीब 2 तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करता है।
जी-20 सम्मेलन की तैयारिया शुरू- वहीं छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में जी-20 सम्मेलन होना है। यह 18 से 19 सितंबर तक आयोजित होगा। इसे लेकर रायपुर में तैयारियां शुरू हो गई है। सभी जगहों में पोस्टर लगाए जा रहे है। जी-20 सम्मेलन की अलग-अलग थीम लगाई गई है। इसके साथ ही चित्रकार इसका थीम भी बना रहे है।
1999 में हुई थी जी-20 की स्थापना- जी-20 समूह दुनिया के 20 सबसे ताकतवर देशों का समूह है। इस समूह की स्थापना साल 1999 में की गई थी। उस वक्त आर्थिक संकट से निपटने के लिए दुनिया के बड़े-बड़े देशों के वित्त मंत्री सहित सेंट्रल बैंक के गवर्नरों ने एक साथ मिलकर इस समूह का गठन किया, जो आर्थिक मुद्दों पर विचार-विमर्श कर सकें।
कैसे काम करता है जी-20 समूह- जी-20 की अध्यक्षता किसी भी देश को 1 साल के लिए दी जाती है। इस मौके पर जी-20 की अध्यक्षता करने वाले देश के साथ मिलकर अन्य देश के प्रमुख विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हैं, जिसमें आर्थिक पक्ष से लेकर अंतरराष्ट्रीय विषय तक शामिल होता है। इसमें 2 समानांतर ग्रुप (ट्रैक) शामिल होते हैं। एक होता है फाइनेंस ग्रुप (ट्रैक) और दूसरा शेरपा ग्रुप (ट्रैक)। वित्त ग्रुप (ट्रैक) का नेतृत्व जी-20 समूह में शामिल देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर करते हैं। वहीं शेरपा ग्रुप (ट्रैक) का नेतृत्व जी-20 प्रक्रिया में शामिल समन्वय सदस्य देशों के शेरपाओं की तरफ से किया जाता है, जो नेताओं के निजी दूत होते हैं। इनमें एक एंगेजमेंट समूह भी शामिल होते हैं, जो जी-20 देशों के नागरिक समाजों, सांसदों, थिंक टैंकों, महिलाओं, युवाओं, श्रमिकों, व्यवसायों और शोधकर्ताओं को एक साथ लाते हैं और उनके तरफ से पेश किए गए बातों को सम्मेलन में रखते हैं।
ये देश शामिल हैं- अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किए, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, यूरोपियन यूनियन (यूरोप के देशों का मजबूत समूह)
हर साल अलग देश करता है अध्यक्षता- जी-20 की बैठक की अध्यक्षता हर साल अलग देश करता है। पिछले साल ये बैठक इंडोनेशिया में हुई थी। उसके बाद इंडोनेशिया ने इस अध्यक्षता को भारत को सौंप दिया। इस साल भारत इस समूह की मेजबानी कर रहा है। इसके बाद वो ब्राजील को ये जिम्मा सौंपेगा और अगले साल ये बैठक ब्राजील में आयोजित होगी।
क्या है जी-20 का एजेंडा- जी-20 का मूल एजेंडा आर्थिक सहयोग और वित्तीय स्थिरता का है, लेकिन समय के साथ व्यापार, जलवायु परिवर्तन, सस्टेनेबल डेवलपमेंट, स्वास्थ्य, कृषि और भ्रष्टाचार निरोधी एजेंडा भी इसमें शामिल कर लिया गया है। इसमें 2 समानांतर तरीकों से चर्चा होती है, पहला फाइनेंशियल और दूसरा शेरपा ट्रैक। फाइनेंशियल ट्रैक में बातचीत का काम वित्त मंत्री संभालते हैं और शेरपा ट्रैक में शेरपा यानी वो व्यक्ति जिसे सरकार शेरपा के तौर पर नियुक्त करती है. चूंकि दुनिया की जीडीपी में 85 फीसदी हिस्सा जी-20 देशों का है। वहीं दुनिया के व्यापार में 75 फीसदी की हिस्सेदारी भी इन्हीं की है, ऐसे में इनकी बैठक को काफी अहम माना जाता है। इनका काम सभी सदस्य देशों के साथ समन्वय बनाना और नेगोशिएट करना होता है।
कई अन्य देशों और संगठनों को भी किया जाता है आमंत्रित- जी-20 की बैठक में इसके 20 सदस्य देशों के अलावा भी अन्य देशों को भी आमंत्रित किया जाता है। भारत ने इस साल 9 देशों को आमंत्रित किया है। ये देश हैं बांग्लादेश, मिस्र, मॉरिशस, नीदरलैंड्स, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और यूएई। इसके अलावा यूनाइटेड नेशंस, इंटरनेशनल मोनेटरी फंड, वर्ल्ड बैंक, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन, वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन जैसे संगठन जी-20 में नियमित रूप से आमंत्रित किए जाते हैं।
इन देशों को भी मिला है निमंत्रण- इसके अलावा, भारत ने बांग्लादेश, नीदरलैंड, मिस्र, मॉरीशस, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात को निमंत्रण दिया है, जो बाद में जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।
ये है जी-20 की थीम- भारत के राष्ट्रीय ध्वज को बनाने वाले 3 रंग- भगवा, सफेद और हरा जी-20 की थीम के आधार के रूप में काम करते हैं। जी-20 लोगो के नीचे देवनागरी लिपि में भारत शब्द है। वसुधैव कुटुंबकम, या एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य, जी-20 की थीम है।