
- सत्तासीन पार्टी के नेता, उद्योग के पक्ष में पंचायत प्रतिनिधियों को रिझाने में जुटे।
तिल्दा। पंचायती राज अधिनियम को दरकिनार कर उद्योग स्थापना में जुटे उद्योगपति की मनमानी को लेकर ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। ग्रामीण जन उद्योग स्थापना हेतु आहूत पर्यावरण स्वीकृति जनसुनवाई का विरोध मे बिगुल फूंक दिया है, वहीं ग्रामीणों का कहना है कि उद्योग प्रबंधन? द्वारा पंचायत में उद्योग स्थापना हेतु ना ही अनापत्ति प्रमाण पत्र की मांग किया गया है और ना ही ग्रामीण व जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लिया गया है, बल्कि इसके विपरित पर्यावरण जनसुनवाई करवा रही है, जिससे ग्रामीण जन हतप्रभ हैं। मामला रायपुर जिला तिल्दा-नेवरा जनपद क्षेत्र ग्राम पंचायत कोटा व चांपा का है जहां की भूमि पर मेसर्स श्री राधा स्पंज एवं पांवर प्राइवेट उद्योग स्थापना हेतु आगामी 16 अप्रैल को पर्यावरण जनसुनवाई सुनिश्चित किया गया है। इस संदर्भ में प्रभावित क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों का कहना है कि पर्यावरण जनसुनवाई सूचना पत्र में किस किस खसरा नंबर की भूमि पर उद्योग स्थापित करना है, उसका स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है और ना ही पंचायत को कोई भी दस्तावेज के माध्यम से जानकारी दी गई है जो की पंचायती राज अधिनियम के विरूद्ध है । वहीं जानकारी में आया है कि पर्यावरण जनसुनवाई के पूर्व उद्योग पति के समर्थन में सत्तासीन पार्टी के कुछ लोग पंचायत प्रतिनिधियों को रिझाने में लगे हुए हैं, जिनमें तिल्दा नेवरा नगरपालिका से संबंधित जनप्रतिनिधि के बतौर प्रतिनिधि का भी नाम सामने आ रहा है। इससे ग्रामीणों में नाराजगी देखी जा रही है। इधर पंचायत क्षेत्र के जनप्रतिनिधि उद्योग स्थापना हेतु नियम विरुद्ध कार्यवाही की निंदा करते हुए उद्योगपति व सत्तासीन पार्टी के जनप्रतिनिधियों पर आरोप लगाया है कि पंचायत जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों को विश्वास में लिए बिना उद्योग स्थापना की चेष्ठ किया जा रहा है। जो कि उचित नहीं है और इसी के चलते क्षेत्र के ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने अनुविभागीय अधिकारी से इस मसले पर दखलंदाजी की मांग किया है।
उद्योग स्थापना को लेकर पंचायत को कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया है, और ना ही अनापत्ति प्रमाण पत्र हेतु पंचायत में आवेदन किया है।