छत्तीसगढ़

राजधानी के आकाशवाणी के पास नीम के नीचे से निकली हैं माता मां महाकाली

रायपुर। राजधानी के ऐतिहासिक मंदिरों में एक और नाम है, मां महाकाली माता मंदिर। यह आकाशवाणी के पास स्थित है। जानकार बताते हैं कि मां महाकाली स्वयंभू है। माता नीम पेड़ के नीचे से निकली हैं। मां महाकाली का मंदिर लगभग 100 वर्ष पुराना है। मान्यता के अनुसार मां महाकाली कोलकाता की काली माता से जुड़ी हुई हैं। कोलकाता में माता काली का शरीर है। वहीं आत्मा रायपुर में है।

मां महाकाली माता मंदिर ट्रस्ट के अनुसार काली माता के आत्मा की खोज के लिए कामाख्या के नागा साधु निकले थे। राजधानी में आकाशवाणी चौक के पास नागा साधुओं ने नीम और बरगद के पेड़ के पास चार महीने धुनी रमाई। तभी साधुओं ने कहा कि आने वाले दिन में मां महाकाली यहां प्रकट होंगी। मालूम हो कि नागा साधुओं ने बरगद के पेड़ के पास भैरव बाबा की भी पूजा-अर्चना की, जहां आज भी भैरव बाबा की प्रतिमा है।

शारदीय और चैत्र नवरात्र में जलती हैं हजारों जोत

मां महाकाली माता में मंदिर में शारदीय और चैत्र नवरात्र में हजारों जोत जलती हैं। इस साल मंदिर परिसर में 3,501 दीप प्रज्वलित हैं। वहीं नवरात्र महीने में महाकाली माता का मंदिर में विशेष रूप पूजा की जाती है। जहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। हालांकि, इस बार भी कोरोना महामारी को देखते हुए लोग ज्यादा संख्या में एक साथ नहीं आ रहे हैं और मंदिर में भीड़ नहीं लगने दी जा रही है। मंदिर में प्रवेश करने के लिए मास्क पहनना और शारीरिक दूरी के नियम का पालन करना अनिवार्य है।

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