धरसीवा। औद्योगिक क्षेत्र सिलतरा की अंग्रेजी शराब दुकान में अकाबारी एक्ट नियमो की उड़ाई जा रही है धज्जियां, अवैध कमाई करने के लिये सुपरवाइठजर द्वारा अधिक मूल्य में शराब दिया जाता है ऐसे में शासन के नाक के नीचे से ही अवैध उगाई किया जा रहा है जिसकी शासन को भनक होने के बावजूद अनजान बने हुये हैं।
सरेआम जिस पर शासन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहे, इसी समय कोचिंयो को भी दारू भर भर के दिया जाता है दो चार पैसे कमाई के चक्कर में आकर कुछ पेटी भर भर दिया जाता है।
वहीं अंग्रेजी शराब दुकान पर ग्राहकों की जेब से काटी जा रही है 10 से ₹20 अधिक लिया जा रहा है सिलतरा भट्टी में बेझिझक होकर सेल्समैन एवं सुपरवाइजर द्वारा मूल्य से अधिक रेट पर शराब बेची जा रही है, जिस पर प्रशासन के किसी प्रकार की सख्ती नहीं किया जा रहा है और न ही कोई कार्यवाही किया जा रहा है।
अवैध उगाही जो सीधा सेल्समैन एवं सुपरवाइजर के जेब में भरा जाता है, ग्राहकों को कहा जाता है कि शराब का मूल्य बढ़ गया है ऐसा कह कर 10 से ₹20 अधिक रुपए लिया जा रहा है जिसमें अधिकारी कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति करके चले जाते हैं।
ऐसे चलता है लूट का खेल
शराब दुकान संचालकों द्वाराशराब भट्टी के 1 किलोमीटर पहले मेन रोड पर नाका बैठा दिया जाता है जो जोकि अधिकारी आने की खबर फोन लगाकर जानकारी दे देते हैं जिससे वह उचित मूल्य पर बेचने लगते हैं और जैसे ही अधिकारी चले जाते हैं वैसे ही मूल्य से अधिक रेट पर शराब बेचा जाता है जिस पर ग्राहकों को बोले जाने पर तमक कर जवाब दिया जाता है।
आपको लेना है तो लो नहीं तो निकलो, ऐसे कहने पर ग्राहक चुप होकर चला जाता है, उन सब के भय के कारण कुछ नहीं बोल पाता और जिससे अनुमान लगाया जा सकता है लाखों रुपए का खेल ओवर रेट के माध्यम से खेला जा रहा है, जो कि उस भट्टी की बोतल की बिक्री पर पव्वा की गिनती कर किया जा सकता है ।
ऐसे में ग्राहकों की जेब काट अपने जेब को भरा जाता है इस पर किसी प्रकार की कार्यवाही की भय नहीं है और बेझिझक होकर मंदिरा प्रेमियों की जेब ढीली कर रहे हैं। वहीं मंदिरा प्रेमियों में खासा रोष व्याप्त हैं, और खुलेआम कह रहे हैं कि ओवररेट के इस खेल में बिना संरक्षण का संभव नहीं है।
अब आगे देखना होगा कब प्रशासन नींद से जागेगी और इस ओवररेट से लोगों की मुक्ति मिलेगी।