विभागीय मनमानी की चालाकी से सरगी नाले में बनाये जा रहे एनीकेट,फिंगेश्वर क्षेत्र में जलआपुर्ति की मांग व मँशा निरर्थक व अधुरी
फिंगेश्वर । विभागीय मनमानी की चालाकी से सरगी नाले में बनाये जा रहे एनीकेट, गलत स्थान, गलत दिशा में बनाये जाने के कारण फिंगेश्वर क्षेत्र व नगर में जल आपूर्ति का उद्देश्य मंशा व मांग निरर्थक व अधुरा ही रह जाने वाला हैं!
उक्त विचार यहां फिंगेश्वर में आयोजित पत्रकार वार्ता में जनसंघ सेवक मंच द्वारा आयोजित पत्रकार वार्ता में संघ के विकाशखण्ड जिला एवं प्रान्तीय पदाधिकारीयों ने व्यक्त करते हुए इस मामले पर जानकारी देते हुऐ बताया कि – नगर पंचायत क्षेत्र फिंगेश्वर में लगातार आवासीय भवनों की संख्या में बढ़ोत्तरी से जलआपुर्ति हेतु नलकुपों
की संख्या में वृध्दि के कारण क्षेत्र में लगातार जलस्तर नीचे गिरने की शिकायतें आम बात हो गई है ।
दुसरे कारण विगत 5-7 वर्षो से क्षेत्र में आसन्न जल समस्या का ध्यान रखते हुए प्रदेश में बी.जे.पी.शासन के समय से इसकी मांग पूर्ति के लिए सरगी नाले में एनीकेट बनाकर जल समस्या हल करने की मांग की जा रही थी! मांग पुर्ति के लिए तत्कालीन जल संसाधन मन्त्री मा.बृजमोहन अग्रवाल जी को ज्ञापन दिया गया था! मा. मन्त्री महोदय से भाजपा के वरिष्ट नेता श्री भागवत हरित जी नें 2 बार संपर्क करके सरगी नाले में एनीकेट की मांग स्वीकृत करवाया था!
परंतु यह अत्यंत ही खेद का विषय है कि जल संसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी फिंगेश्वर व कार्यपालन अधिकारी गरियाबंद के विवेक हीनता से कहा जाय या जानबूझकर गलत प्राकृलन, गलत स्थान व गलत दिशा कें चयन व निर्माण के कारण 6 करोड़ की लागत से बनने वाले इस एनीकेट से फिंगेश्वर क्षेत्र नगर में जल आपूर्ति का उद्देश्य मंशा व मांग निरर्थक व अधुरी ही रह जाने वाली हैं! और 6 करोड़ रुपये पानी की तरह बह जाने वाला हैं!
जनसंघ सेवक मंच के वरिष्ट प्रदेश उपाध्यक्ष डाँ. चन्द्रशेखर हरित,व भाजपा नेता भागवत हरित जी एवं जिला अध्यक्ष तेजराम साहु ने पत्रकार वार्ता में बताया कि क्षेत्र का, कोई भी व्यक्ति एनीकेट स्थल व दिशा को देखकर ही बता सकता है कि पानी की रूकावट व बहाव बोरसी व बिजली की ओर होगा जिससे पानी का स्रोत हैं!
मजे की बात सरगी एनीकेट नाम है और उसे बनाया गया है बोरसी नाले में, एनीकेट निर्माण का शिलान्यास का छोटा भी कोई कार्यक्रम नही रखा गया, पुछना पर जवाब मिला -करोना काल के कारण समारोह नही, परंतु आसपास के जन प्रतिनिधियों से कोई भी राय या सलाह मशविरा नही पुछा गया !
गुपचुप तरीके और मनमानी पुर्वक उद्देश्य विहीन 6 करोड रुपये बहा देना या इस तरह जनधन को पानी की तरह निरर्थक बहा देने की अनुमति किसने दी हैं, क्षेत्र की जनता को जानने व पुछने का अधिकार हैं! इसकी भरपाई के लिए कौन जवाबदार हैं !
इस एनीकेट के निर्माण से जंगल व वन्य प्राणी जीवजंतु जानवरो को भी पानी के लिए भटकना पडेगा जिससे रोड़ में आने जाने से जंगली जानवरों का हादसा से मौत का शिलशिला हमेशा रोड़ पर बना रहेगा !
इसके विपरीत – यदि सरगी एनीकेट को सरगी नाले में सरगी पुल के ऊपर बनाया गया होता तो पानी की रूकावट चैतरा नाला व सरगी दोनों नाले में होता और रुके हुए जल का बहाव फिंगेश्वर की ओर निश्चित रुप से होता! दुसरी तरफ चैतरा नाला जो माण्डव श्रृषि आश्रम से होकर बहता तो निश्चित ही पानी का रुकावट होने से मेला ठेला व यात्रियों के लिए निश्चित ही उपयोगी होता!
जबकि वर्तमान में विभागीय मनमानी से बोरसी नाले में बन रहा सरगी एनीकेट हर दृष्टि से अनुपयोगी और धन का दुरुपयोग हैं ये सिद्ध हो रहा है!
जनसंघ सेवक मंच द्वारा जल संसाधन विभाग की इस मनमानी एवं अदुदर्षिता, पुर्व निर्माण निरर्थक को तत्काल रोककर क्षतिपुर्ति की भरपाई की भरपाई करने तथा एनीकेट के निर्माण को सार्थक व उपयोगी जनहितकारी बनाने वास्ते नये प्राकृलन के आधार पर निर्माण की मांग की गई हैं !
जनसंघ सेवक मंच के पदाधिकारीयो ने इस मामले को जनहित से खिलवाड़ तथा जल संसाधन विभाग द्वारा मनमानी करते हुऐ और आम जनता को अंघकार में रखकर करोडो़ रुपये के क्षति कीया गया है अत:इसकी क्षतिपुर्ति हेतु मंत्री स्तर पर जांच की मांग की हैं दोषियों को उचित कठोर सजा हेतु मंच द्वारा आंदोलन कीया जायेगा।
जिसमें आम जनता का साथ और विश्वास में लाकर इस नये और गलत जगह पर बनने जा रहे एनिकेट के लिए उग्र आंदोलन की चेतावनी मंच ने कही हैं!
जिसमें जनसंघ सेवक मंच के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष एवं समाजसेवी डां. चन्द्रशेखर हरित जी, भाजपा नेता भागवत हरित जी, जिला अध्यक्ष तेजराम साहु, संगठन मंत्री (प्रशासनिक) नरेन्द्र कुमार साहु, संगठन महामंत्री वेदराम नंदे,महिला साखा से जिला अध्यक्ष सुश्री हेमिन साहु, ब्लाक सचिव ताम्रज्ध्ज साहु ,देविका साहु ये सब उपस्थित रहे!