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अगर आप चिकन खानें के हैं शौकीन,तो एक बार ट्राई जरुर करें कड़कनाथ

रायपुर। अगर आप चिकन के शौकीन हैं तो आज ऐसे चिकन के बारे में चर्चा होगी जिसने हाल ही के दिनों में काफी ख्याति कमाई है. जी हां, मैं बात कर रहा हूं ‘कड़कनाथ’ की. कड़कनाथ को काली मासी भी कहा जाता है.

छत्तीसगढ़ से इसका ऑरिजिन माना जाती है. इसे जीआई टैग भी प्राप्त हो चुका है. पिछले कुछ सालों में इसकी मांग बहुत ही तेजी से बढ़ी है. कड़कनाथ का इतिहास कड़कनाथ पूरी तरह से भारतीय चिकन है.

इसकी ऑरिजे का जो क्षेत्र माना जाता है उसमें मध्य प्रदेश के धार और झबुआ जिला तथा छत्तीसगढ़ का बस्तर जिला शामिल है. छत्तीसगढ़ के राजघराने ने भी कड़कनाथ को एक खास पहचान दी है. इसका धार्मिक महत्व भी काफी है. दिवाली के बाद इस कड़कनाथ की बली देने की परंपरा आदिवासी और जनजातीय इलाको में है.

धोनी की भी पसंद कड़कनाथ की दीवानगी के असर का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी इसे काफी पसंद करते हैं. सिर्फ पसंद ही नहीं करते बल्कि इसका पूरा फार्म हाउस का प्लान इन्होंने काफी दिनों पहले ही बना लिया था.

झारखंड में धोनी ने सब्जी, दूध और पॉल्ट्री का काम शुरू किया था. इसी क्रम में उन्होंने कड़कनाथ की पौष्टिकता से प्रभावित होकर इसका फार्महाउस खोलने का ऐलान किया था.

खासियत-पौष्टिकता तो जिस पौष्टिक गुणों की चर्चा में शुरू से करता आ रहा हूं उनके बारे में जानना सबसे ज्यादा जरूरी है. तो पहला यह है कि इस चिकन में फैट बहुत कम मात्रा में पाया जाता है.

इसमें एक प्रतिशत से भी कम फैट होता है जबकि सामान्य चिकन में यही आंकड़ा 13 से 25 प्रतिशत तक का होता है. साथ ही इसमें प्रोटीन अच्छी मात्रा में पाया जाता है. जैसा की इसका नाम है कड़क तो इसके मांस और खून का रंग भी काला ही होता है.

 

 

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