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आज से शुरू हुआ नौतपा, जानिए इसका धार्मिक महत्व और वैज्ञानिक नजरिया

नई दिल्ली। देश में इन दिनों गर्मी चरम पर है और कई हिस्सों में भीषण गर्मी ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। ऐसे में 25 मई से शुरू होने वाले नौतपा में एक बार फिर तापमान में वृद्धि होने के संकेत मिल रहे हैं। ज्योतिषीय गणनाओं के मुताबिक इस साल 25 मई से नौतपा शुरू हो रहा है और यह 3 जून तक चलेगा। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि नौतपा के दौरान सूर्य की भीषण गर्मी के कारण धरती का तापमान तेजी से बढ़ने लगता है। आइए जानते हैं नौतपा का धार्मिक व ज्योतिषीय महत्व क्या है

ज्योतिष गणनाओं के मुताबिक जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में होकर वृष राशि के 10 से 20 अंश तक रहता है, उस समय की अवधि को नौतपा कहा जाता है। यह अवधि लगभग 9 दिनों की रहती है और इस दौरान धरती और सूर्य एक दूसरे के काफी नजदीक आ जाते हैं। रोहिणई नक्षत्र में सूर्य भगवान 15 दिनों तक निवास करते हैं इसलिए धरती पर 9 दिनों तक भीषण तापमान रहता है। सूर्य का तापमान 9 दिनों तक धरती पर सबसे अधिक महसूस किया जाता है, इसलिए 9 दिनों के समय को ही नौतपा कहा जाता है।

इस साल नौतपा की अवधि-

इस साल 25 मई को सुबह 8.16 मिनचट पर सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर जाएंगे और 8 जून को सुबह 6.40 मिनट तक इसी नक्षत्र में रहेंगे। नौतपा 25 मई से 2 जून तक रहेगा। इसलिए इस अवधि के दौरान भीषण गर्मी पड़ने की संभावना है। इस दौरान गर्मी से बचने के भी सभी प्रयास करने चाहिए।

नौतपा में गर्मी पड़ने का वैज्ञानिक आधार-

खगोल विज्ञान के मुताबिक नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें पृथ्वी पर सीधी पड़ती हैं, इस कारण से सूर्य की किरणों को वायुमंडल में ज्यादा दूरी तय नहीं करना पड़ती है और यही वजह है कि धरती के तापमान में काफी बढ़ोतरी हो जाती है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार यदि नौतपा के 9 दिनों में तापमान अधिक रहता है तो ये अच्छी बारिश का संकेत होता है। ज्योतिष के सूर्य सिद्धांत और श्रीमद् भागवत में नौतपा का उल्लेख किया गया है।

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